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खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर मजबूत मानक और बेंचमार्किंग सर्वोत्तम प्रथा -जी. कमलावर्धन राव

*“खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता और नियामक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने हेतु तथा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक को बढ़ाने की दिशा में सी.आई.आई, द्वारा कार्यशाला का आयोजन

“खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता और नियामक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने तथा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक को बढ़ाने की दिशा में, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और महाराष्ट्र राज्य सरकार के सहयोग, दिनक 16 फरवरी 2024 को “राज्य कनेक्ट सत्र का आयोजन किया गया I इस सत्र की परिकल्पना उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा ईट राइट इंडिया पहल के तहत जागरूकता फ़ैलाने हेतु तथा बड़े पैमाने पर खाद्य सुरक्षा और नियामक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए किया गया

सी.आई.आई स्टेट कनेक्ट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, *FSSAI के सी.ई.ओ श्री. जी. कमला वर्धन राव* ने उल्लेख किया कि भारत के खाद्य सुरक्षा और सुरक्षा मानक वैश्विक मानकों से कहीं अधिक ऊंचे हैं। उन्होंने खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर मजबूत मानक और बेंचमार्किंग सर्वोत्तम प्रथाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने सभी हितधारकों और खाद्य क्षेत्र उद्योग के अग्रणियों से देश में खाद्य सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने के लिए अपने इनपुट साझा करने का आग्रह किया।

*श्रीमती अनीता सिंह, आई.ए.एस. अतिरिक्त मुख्य सचिव और आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार,* ने उल्लेख किया कि सरकार ने राज्य में खाद्य सुरक्षा और नियामक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में व्यावहारिक बदलाव पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सामूहिक दृष्टिकोण पर जोर दिया और इस दिशा में सभी हितधारकों से योगदान का आग्रह किया।

*श्रीमती इनोशी शर्मा, आई.आर.एस, कार्यकारी निदेशक FSSAI* ने FSSAI की प्रमुख पहलों और डिजिटलीकरण के माध्यम से प्रक्रियाओं के सरलीकरण और व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए इसे और अधिक समावेशी और तात्कालिक बनाने के बारे में जानकारी दी।

*सी.आई.आई. उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री आकाश गोयनका* ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में देश के खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में भूमिका के लिए एफ.एस.एस.ए.आई की “ईट राइट” पहल की सराहना की।

विशेषज्ञों के नेतृत्व में होने वाले विशेष प्रशिक्षण सत्रों में खाद्य व्यवसायों के लिए नियामक अनुपालन और ऑनलाइन पोर्टल प्रदर्शन और राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक को मजबूत करने की दिशा में राज्य खाद्य प्रयोगशालाओं के लिए एक समानांतर प्रशिक्षण सत्र जैसे विषयों को शामिल किये जाने पर जोर दिया गया। चावल, गेहूं का आटा, तेल और दूध को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया। खाद्य सुदृढ़ीकरण के संबंध में क्षमता निर्माण और परामर्श पर केंद्रित सत्रों ने आहार में विटामिन और खनिज सामग्री को बढ़ाने में इसकी लागत प्रभावी और पूरक भूमिका पर जोर दिया। श्री हरि शंकर सिंह, उपायुक्त, खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय-यूपी ने चावल फोर्टिफिकेशन पर कुछ प्रमुख अपडेट पर प्रकाश डाला। GAIN, KHPT, Fortify हेल्थ और PATH के प्रतिनिधियों ने फ़ूड फोर्टिफिकेशन से जुड़े मिथकों को संबोधित किया। 80 से अधिक चावल मिलर्स, गेहूं मिलर्स और तेल और दूध प्रोसेसरों ने इंटरैक्टिव सत्रों में भाग लिया।

स्टेट कनेक्ट सत्र – उत्तर प्रदेश, एक अनूठी और सामयिक पहल रही, जो हितधारकों के साथ इंटरफेस को मजबूत करने और प्रमुख खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता उपायों और पहलों पर अपडेट प्रदान करके नियामक अनुपालन पर सक्षम निर्माण क्षमता पर केंद्रित थी।

 

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