डॉ० शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ में 25 से 30 सितम्बर 2023 तक अन्तर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह का आयोजन कॉलेज फार द डेॅफ में किया जा रहा है। इस सप्ताह को विश्वभर में बधिरों के उत्थान तथा उनके समुदाय के प्रति गैर-बधिर लोगों को अवगत कराने के लिए किया जाता है।
इस अन्तर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह के उद्घाटन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राणाकृष्ण पाल सिंह मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे।
अपने उद्घाटन भाषण में कुलपति जी ने बधिरों को अपनी अन्तनिर्हित शक्तियों को विकसित करने पर बल देते हुए कहा कि यह अत्यन्त आवश्यक है कि बधिर समुदाय के द्वारा प्रयुक्त की जाने वाली सांकेतिक भाषा के प्रति सामान्य जन मानस में जागरूकता उत्पन्न की जाये। इस अवसर पर उन्होेने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में सांकेतिक भाषा के प्रयोग को प्रोत्साहन देने का उद्धरण भी प्रस्तुत किया।
इस एक सप्ताह के कार्यक्रम में प्रत्येक दिन एक अलग प्रकार के उद्देश्य को लेकर बधिर छात्रों द्वारा तैयार किये गये विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां की जाएंगी।
कार्यक्रम की मुख्य थीम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2023 हेतु विश्व मे बधिरों द्वारा कही भीं, कभी भी सांकेतिक भाषा के प्रयोगष् निर्धारित की गयी है।
कार्यक्रम में बधिर छात्र-छात्राओं द्वारा रैली, लघु नाट्य प्रस्तुतियां, गणेश वंदना तथा नृत्य प्रस्तुतियां की गयीं।
इस कार्यक्रम का संयोजन, आयोजन तथा संचालन विश्वविद्यालय के समस्त बधिर विद्यार्थियों द्वारा ही किया गया था।
इस अवसर पर विशेष शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता प्रो0 रजनी रंजन सिंह, श्रवणबाधितार्थ विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कौशल शर्मा एवं संकाय के अन्य शिक्षकगण, अतिथि शिक्षक तथा सांकेतिक भाषा इंटरप्रेटर्स आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन अजीत यादव, सांकेतिक भाषा इंटरप्रेटर तथा अनित कुमार, बधिर छात्र द्वारा संयुक्त रूप से किया गया तथा समापन कौशलेन्द्र कुमार, अतिथि व्याख्याता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से किया गया।
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