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3 डी0 प्रिन्टिंग तकनीक के उपयोग कृत्रिम अंग के निर्माण में गुणवत्ता बेहतर बनेगी- राणा कृष्ण पाल सिंह,

पूजा श्रीवास्तव

3 डी प्रिन्टिंग तकनीक से कृत्रिम अंग एवं प्रत्यंग का निर्माण कर दिव्यांगजनों को बेहतर सुविधा प्रदान करते हुए अनुसंधान एवं विकास कार्यों हेतु इस तकनीक को उपयोग कर दिव्यांगता के क्षेत्र में बेहतर अनुसंधान को बढावा देने के उद्देश्य से भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली एवं डा शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 3डी0 प्रिन्टिंग तकनीक के उपयोग पर आधारित राज्य स्तरीय दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह, कुलपति, डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय एवं मुख्य अतिथि सत्य प्रकाश पटेल, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ, रोहित सिंह, कुलसचिव, संजय सिंह, वित्त अधिकारी एवं प्रो0 आर0आर0 सिंह, अधिष्ठाता, विशेष शिक्षा संकाय, डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की गरिमामय उपस्थिति में कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र में किया गया।
कार्यक्रम डा रंजीत कुमार के संयोजकत्व में संपन्न हुवा।
मुख्य अतिथि सत्य प्रकाश पटेल, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा अपने संबोधन में बताया गया की 3 डी0 प्रिन्टिंग तकनीक से कृत्रिम अंग के क्षेत्र में दिव्यांगजनों को गुणवत्तापूर्ण एवं उच्च तकनीक आधारित सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के करीब 08 राज्यों से कुल 160 प्रतिभागी इस संगोष्ठी में प्रतिभाग कर रहे है। 3डी0 प्रिन्टिंग तकनीक का उपयोग दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग निर्माण के अतिरिक्त अनुसंधान एवं विकास कार्यों हेतु किया जा सकता है। अधिष्ठाता, विशेष शिक्षा संकाय प्रो0 आर0 आर0 सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि देश के जाने-माने विषय विशेषज्ञ तथा निर्माता कम्पनी इस संगोष्ठी में प्रतिभाग कर रहे हैं। 3डी प्रिन्टिंग पर आधारित नई तकनीक दिव्यांगजनों के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगी।कार्यक्रम का संचालन डा कौशिकी सिंह द्वारा किया गया।

 

 

 

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