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नारी का सम्मान धार्मिक परंपराओं से नहीं बराबरी से किया जाना चाहिये- स्मृति सिंह

जे.एफ. चौरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में नारी शक्ति वंदन सम्मान व संगोष्ठी
विभिन्न क्षेत्रों की 11 महिलाओं को किया गया सम्मानित

पूजा श्रीवास्तव

जे. एफ. चौरिटेबल ट्रस्ट एवं मदर सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में नारी शक्ति वंदन सम्मान एवं संगोष्ठी का आयोजन राज्य सूचना केंद्र हजरतगंज में किया गया। जिसमें 11 महिलाओं को उत्कृष्ट योगदान हेतु विभिन्न क्षेत्रों की नारी शक्ति वंदन सम्मान मुख्य अतिथि सुमन पांडे योग प्रशिक्षक एवं विशिष्ट अतिथि क शर्मा विशेष सचिव विधानसभा, ए. सिंह अध्यक्ष चौरिटेबल ट्रस्ट एवं डॉ मधु तांबे द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल अधिकारों के लिए डॉक्टर स्मृति सिंह, दिव्यांग बच्चों के खेल प्रोत्साहन के लिए डॉक्टर सुधा बाजपेई, बालिका शिक्षा हेतु दीप्ति सिंह, पत्रकारिता के लिए नीतू सिंह, साहित्य में अमिता दुबे, कुमकुम शर्मा एवं अलका अस्थाना,जन सेवा वृद्धाश्रम एवं सामाजिक कार्य हेतु शैलेंद्री मिश्रा एवं कुमारी साधना चौधरी तथा महिला सशक्तिकरण के लिए राजेंद्री वर्मा को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में चबूतरा थिएटर पाठशाला की सोनाली वाल्मीकि द्वारा एकल नाटक अधूरा सम्मान का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से परिवार, ऑफिस, सड़क पर हो रही महिलाओं के प्रति हिंसा और पुरुषवादी मानसिकता को बेहतर ढंग से अपने सशक्त अभिनय द्वारा दर्शकों को झकझोरा ।


सोनाली द्वारा लिखे निर्देशित एवं अभिनीत नाटक न01 महिलाओं पर हो रहे हैं अधूरे सम्मान को दर्शकों के बीच में कोलाजो के माध्यम से रखा। इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण पर कवि महेश चंद्र गुप्त, प्रतिभा गुप्ता, रेनू द्विवेदी सरिता गिरी, सुधा नरूला ने अपनी काव्य रचनाओं से स्त्री विमर्श के सवालों को उठाया, वही कुमकुम शर्मा ने मजाज़ लखनवी की ग़ज़ल तेरे माथे पर यह आंचल बहुत ही खूब है लेकिन इस अंचल से एक परचम बना लेती तो अच्छा था।

कार्यक्रम के अंत में वर्तमान परिवेश में महिलाओं की भागीदारी विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता सुमन पांडे जी ने की मुख्य वक्ता में कहा डॉक्टर स्मृति सिंह ने कहा नारी का सम्मान धार्मिक आस्थाओं से नहीं बल्कि बराबरी से किया जाना चाहिए वही वही डॉक्टर सुधा वाजपेई ने कहा महिलाओं के संघर्ष की हर रोज एक नई कहानी बनाती है तो पत्रकार नीतू सिंह ने कहा महिला हिंसा जैसी घटनाओं को जब हम लिखते हैं तो हमारी भी रूह कांप जाती है। वही राज्य महिला आयोग की पूर्व अधिकारी राजेंद्र वर्मा ने कहा की बराबरी के लिए पहले घर से ही लड़के लड़कियों के मध्य खान पान व शिक्षा स्तर पर भेदभाव खत्म हो तथा माता-पिता उन्हें बराबर की दृष्टि से संस्कार को मजबूत करें। इसी क्रम में डॉ अमिता दुबे साहित्यकार ने कहा कि आज हमारी बेटी और महिलाएं तमाम क्षेत्रों में कम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है नारी दुर्गा है शक्ति स्वरुपा है ।
अंत में अध्यक्षी उद्बोधन में सुमन जी ने कहा की महिलाओं को अपने परिवार मे मांगने की परंपरा से बेहतर है आत्मनिर्भर बन कर आत्म विश्वास को बढ़ाए। संस्था की अवैतनिक सचिव डॉ मधु तांबे जी ने आए हुए सभी अतिथियों सम्मानित महिलाओं का धन्यवाद ज्ञापन किया कार्यक्रम का कुशल और सफल मंच संचालन रंगकर्मी एवं फिल्म अभिनेता महेश चंद्र देवा ने किया।
कार्यक्रम में अपेक्षा से अधिक लोगों ने बढ़-चढ़कर कर भाग लिया।

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