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5 दिवसीय “पंच-सूत्रीय कथा महोत्सव”

 

 

 

भारत विकास परिषद, अवध प्रान्त द्वारा 5 दिवसीय “पंच-सूत्रीय कथा महोत्सव” का आयोजन।

 

भारत विकास परिषद, अवध प्रान्त द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में “सामाजिक परिवर्तन के पाँच सूत्र—पर्यावरण, स्वदेशी, समरसता, परिवार प्रबोधन एवं नागरिक कर्तव्य” पर आधारित 5 दिवसीय “पंच-सूत्रीय कथा महोत्सव” का आयोजन 5 से 9 दिसम्बर 2025 तक श्री सुमतिनाथ सेवा भवन, ए-19, सिंधु नगर, कृष्णा नगर, लखनऊ में प्रतिदिन दोपहर 2:00 से 5:00 बजे तक किया जाएगा।

 

क्षेत्रीय संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि यह आयोजन केवल कथा-श्रवण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज में जागरूकता, संस्कार, कर्तव्यबोध और सहयोग की भावना को प्रबल करने का विशेष प्रयास है। यह महोत्सव समाज को उन मूल्यों की ओर लौटने का संदेश देगा, जिनसे राष्ट्र मजबूत और संगठित बनता है।

प्रतिदिन यज्ञ एवं नागरिक अभिनंदन

प्रत्येक दिन कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य यजमानों एवं आतिथ्य शाखा परिवारों द्वारा प्रकृति संवर्धन यज्ञ से होगा। साथ ही समाजसेवा, पर्यावरण, स्वदेशी व अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं का नागरिक अभिनंदन भी प्रतिदिन किया जाएगा।

 

पंच-सूत्रीय कथा के पाँच दिवस

 

1. पहला दिन – पर्यावरण

वक्ता: पूज्य श्री अशोक जी महाराज

प्रकृति संरक्षण, जल-संरक्षण, वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संतुलन की आवश्यकता पर सरल एवं प्रेरक कथा।

 

2. दूसरा दिन – स्वदेशी

वक्ता: पूज्य श्री सुधीरानंद जी महाराज

स्वदेशी भाव, आत्मनिर्भरता, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा तथा आर्थिक स्वाभिमान पर केंद्रित प्रवचन।

 

3. तीसरा दिन – समरसता

वक्ता: पूज्य आचार्य संजीवकृष्ण ठाकुर जी

सामाजिक समरसता, समानता, परस्पर सहयोग एवं भेदभाव-मुक्त समाज के निर्माण पर प्रेरक कथा।

 

4. चौथा दिन – परिवार प्रबोधन

वक्ता: पूज्य श्री नंदलाल जी

परिवार में संवाद, संस्कार, अनुशासन, मूल्य-आधारित जीवन तथा आधुनिक चुनौतियों के समाधान पर सारगर्भित प्रवचन।

 

5. पाँचवाँ दिन – नागरिक कर्तव्य

वक्ता: पूज्य श्री कौशिक चैतन्य जी महाराज

राष्ट्र निर्माण में नागरिक कर्तव्यों की भूमिका, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं राष्ट्रधर्म पर विशेष प्रवचन।

 

महाप्रसाद – एकता का प्रतीक।

 

प्रत्येक दिन कथा के उपरांत भव्य भंडारा महाप्रसाद का आयोजन होगा। सामूहिक प्रसाद ग्रहण सामाजिक निकटता, एकता और समरसता का प्रतीक है।

 

समापन विचार।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में आयोजित यह महोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का व्यापक आह्वान है। पाँच दिवसीय कथा के माध्यम से समाज में संस्कार, स्वदेशी भावना, पर्यावरण चेतना, पारिवारिक मूल्यों और राष्ट्र-कर्तव्य के प्रति जागरूकता को सुदृढ़ करना इसका प्रमुख उद्देश्य है।

इस आयोजन की स्वागत समिति के अध्यक्ष सरोजनी नगर के विधायक माननीय राजेश्वर सिंह तथा सचिव शिक्षाविद् विकास त्रिवेदी हैं।

आयोजन समिति के अध्यक्षता अवतार तथा सचिव  आर.के. भदौरिया हैं।

 

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