लखनऊ, दिनांक — देश और विदेश के प्रमुख रक्त एवं हेमेटोलॉजी विशेषज्ञों की सहभागिता के साथ 66वीं वार्षिक हेमेटोलॉजी एवं ब्लड ट्रांसफ्यूजन (रक्त रूपांतरण) सम्मेलन का शुभारंभ आज लखनऊ में हुआ। यह सम्मेलन भारतीय हेमेटोलॉजी सोसाइटी (Indian Society of Hematology and Blood Transfusion) द्वारा आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य रक्त संबंधी रोगों, कैंसर, थैलेसीमिया, ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर), एनीमिया तथा अन्य रक्त विकारों के आधुनिक उपचार एवं अनुसंधान पर विमर्श करना है।
सम्मेलन का उद्घाटन प्रमुख चिकित्सा शिक्षाविदों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की उपस्थिति में हुआ। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में देश-विदेश के लगभग 500 से अधिक चिकित्सक, शोधकर्ता, पैथोलॉजिस्ट और मेडिकल विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर रक्त से जुड़ी नई तकनीकों, जीन थेरेपी, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन तथा कृत्रिम रक्त निर्माण जैसे नवीन विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में रक्त संबंधी बीमारियों की रोकथाम एवं समय पर उपचार के लिए जागरूकता और अनुसंधान को बढ़ावा देना आवश्यक है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित रक्त रूपांतरण की सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर भी बल दिया गया।
सम्मेलन के दौरान युवा चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र और कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है ताकि वे आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों से परिचित हो सकें।
अंतिम दिन उत्कृष्ट शोध पत्रों को सम्मानित किया जाएगा तथा भविष्य की नीतियों पर सुझाव तैयार किए जाएंगे, जो भारत में रक्त रोगों की रोकथाम और उपचार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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