विश्वनाथ प्रताप सिंह जी की 94वीं जयंती होटल क्लार्क अवध लखनऊ में श्री अब्दुल नसीर नासिर की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता करते हुए नासिर ने कहा कि केंद्रीय सरकार व राज्य सरकारों से अपील की है कि जिस तरह से अन्य प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्रीयो की जयंती मनाई जाती है उसी तरह से वी पी सिंह जी की जयंती मनाई जाए और मंडल कमीशन की सभी सिफारिशें लागू की जाए। कार्यक्रम में डॉक्टर संदीप पटेल प्राचार्य दयानंद यादव डिग्री कॉलेज अर्जुनगंज डॉक्टर मोहम्मद अकबर साहब श्री अनवरआलम साहब प्रोफेसर महेंद्र कुमार मौर्य जी ने विश्वनाथ प्रताप सिंह जी के जीवन व कार्यों पर अपने विचार व्यक्त किये कार्यक्रम में डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने अतिथियों को स्वागत किया व आगे निरंतर यह कार्यक्रम प्रदेश व देश के विभिन्न स्थानों पर करने की सभी से अपील की। कार्यक्रम का संचालन गुफरान नसीम साहब ने किया।
सांसद मोहनलाल गंज व पूर्व मंत्री आर के चौधरी साहब का वक्तव्य
1. मंडल आयोग रिपोर्ट लागू (1990): वी.पी. सिंह ने सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में पिछड़े वर्गों (OBC) को 27% आरक्षण देने का निर्णय लिया। यह निर्णय भारत के सामाजिक ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव का कारण बना और देशभर में व्यापक आंदोलन हुए।
2. अयोध्या आंदोलन: उनकी सरकार में भाजपा ने राम मंदिर आंदोलन को तेज कर दिया, जिसके कारण राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई। इसके बाद भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और वी.पी. सिंह को इस्तीफा देना पड़ा।
• वी.पी. सिंह को ‘मंडल पुरुष’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत में सामाजिक न्याय और आरक्षण व्यवस्था को मजबूत किया।
• उन्हें ईमानदार और सादगीपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता है।
• उनकी नीतियों ने भारतीय राजनीति में सामाजिक न्याय को मुख्यधारा में ला दिया
वी.पी. सिंह भारतीय राजनीति के एक ऐसे नेता थे जिन्होंने सत्ता से अधिक सिद्धांतों को प्राथमिकता दी। भले ही उनका प्रधानमंत्री कार्यकाल अल्पकालिक रहा, लेकिन उनकी नीतियों का प्रभाव भारतीय समाज पर गहरा पड़ा।
“एक सच्चे जननायक, जो गरीबों और पिछड़ों की आवाज बने।”