अर्बन को–ऑपरेटिव बैंकों की स्थिति को मजबूत करने की पहल
नेशनल अर्बन को ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NUCFDC) ने मुंबई में अपने कॉर्पोरेट कार्यालय का औपचारिक उद्घाटन किया। माननीय केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुंबई में इंटरनेशनल ईयर ऑफ को-ऑपरेटिव्स 2025 के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर NUCFDC के कॉर्पोरेट कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित रहे, जिनमें श्री मुरलीधर मोहाल, राज्य मंत्री, सहकारिता; श्री एकनाथ शिंदे और श्री अजीत पवार, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री; और डॉ. आशीष कुमार भुटानी, सहकारिता मंत्रालय के सचिव शामिल थे।
NUCFDC कार्यालय का उद्घाटन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकिंग (UCB) क्षेत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम में लक्ष्मी दास, NAFCUB के अध्यक्ष; अजय ब्रह्मेचा, महाराष्ट्र फेडरेशन के अध्यक्ष; सतीश मराठे, भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड सदस्य; उदय जोशी, सहकार भारती के अध्यक्ष; मिलिंद काले, NAFCUB के निदेशक और कॉस्मॉस बैंक के पूर्व अध्यक्ष; गौतम ई. ठाकुर, सरस्वत सहकारी बैंक के अध्यक्ष; और कांति भाई पटेल, गुजरात फेडरेशन के उपाध्यक्ष सहित कई अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।
माननीय केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकिंग द्वारा मल्टीडायमेंशनल बेनेफिट्स पर जोर देते हुए कहा, “आने वाले दिनों में पूरे देश में ‘कोऑपरेशन अमंगस्ट कोऑपरेटिव्स’ (Cooperation Amongst Cooperatives) को लागू किया जाएगा। यह अम्ब्रेला ऑर्गनिज़शन (Umbrella Organizations) डिजिटल बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन लेन-देन और विदेश के साथ व्यापार जैसी गतिविधियों को अर्बन कोआपरेटिव बैंक के साथ समाहित करने का काम करेगा। को-ऑपरेटिव संस्थाओं का सभी लेन-देन और वित्तीय व्यवहार को-ऑपरेटिव बैंकों के माध्यम से ही होगा। ‘कोऑपरेशन अमंगस्ट कोऑपरेटिव्स’ (Cooperation Amongst Cooperatives) के सिद्धांत को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से हमें बहुत बड़ी सफलता प्राप्त होगी और तभी सहकारिता क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनेगा”।
NUCFDC के चेयरमैन श्री ज्योतिंद्र मेहता ने इस ऑफिस उद्घाटन को यूसीबी क्षेत्र के परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया और कहा, “अम्ब्रेला ऑर्गनिज़शन के इस नए कार्यालय का उदघाटन समावेशी विकास के दिशा में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है। हम UCBs के साथ मिलकर उन्हें वह सभी संसाधन उपलब्ध कराने के लिए अग्रसर हैं, जो उन्हें भारतीय वित्तीय इकोसिस्टम में विकसित होने और उनके सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने में मदद करेंगे।”
NUCFDC को भारतीय रिजर्व बैंक से एनबीएफ़सी (NBFC) के रूप में काम करने की मंजूरी मिल चुकी है, और ₹300 करोड़ का पेड-अप कैपिटल हासिल करने पर NUCFDC RBI से अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकिंग क्षेत्र के लिए सेल्फ-रेगुलेटरी ऑर्गनाइजेशन (SRO) बनने के लिए आवेदन करेगा, जिसकी कार्यसूची RBI द्वारा निर्धारित की जाएगी। डिजिटल परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार, NUCFDC का उद्देश्य UCBs को डिजिटल और प्रतिस्पर्धी वित्तीय पारिस्थितिकी व्यवस्था में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करना है। UCBs के लिए अम्ब्रेला ऑर्गनाइजेशन के रूप में, NUCFDC का ध्यान इन संस्थाओं को आधुनिकीकरण, आवश्यक वित्तीय सेवाओं का एकीकरण और उन्हें वाणिज्यिक बैंकों के परिचालन मानकों के साथ संरेखित करने पर होगा। इसका उद्देश्य ग्राहक सेवा को बेहतर बनाना, क्षेत्र की स्थिरता को मजबूत करना और बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के साथ अनुपालन सुनिश्चित करना है।
NUCFDC की संचालन रणनीतियों में UCBs को पूंजी, सुरक्षित क्रेडिट लाइन, ऋण पुनर्वित्त, और शॉर्ट-टर्म वित्तीय संकट का सामना कर रहे UCBs को आपातकालीन लिक्विडिटी समर्थन प्रदान करना शामिल है। फंडिंग के अलावा, NUCFDC UCBs की तकनीकी अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए गैर-फंड आधारित सेवाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसमें एक साझा IT प्लेटफॉर्म का रोलआउट किया जाएगा, जो एक व्यापक सेवा सूट प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, NUCFDC ट्रेजरी प्रबंधन, पेमेंट और सेटलमेंट सेवाएं, और अन्य परिचालन समाधान भी प्रदान करेगा, जिससे UCBs की क्षमता में सुधार होगा। NUCFDC, UCBs को बदलते हुए नियामक और बाजार आवश्यकताओं का सामना करने के लिए प्रशिक्षण, परामर्श और HR समर्थन भी प्रदान करेगा, ताकि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकिंग क्षेत्र के भविष्य के विकास और स्थिरता के लिए एक मजबूत नींव रखी जा सके।