हिंदी केवल एक भाषा नहीं, हमारी सांस्कृतिक और भावनात्मक पहचान का प्रतीक है। यें बातें 15 सितम्बर को हिन्दी दिवस का उद्घाटन एवं हिन्दी पखवाड़े का शुभारम्भ निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित करते हुए भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) कानपुर में कहीं।
प्रवीण कुमार ने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, हमारी सांस्कृतिक और भावनात्मक पहचान का प्रतीक है।उन्होंने कहा, “हिंदी हमारी जड़ों से जोड़ने वाली भाषा है; यह हमारी संस्कृति, परंपरा और सभ्यता की आत्मा है। इसी ने हमें स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आधुनिक उद्यमिता तक एकजुट किया है।” उन्होंने बताया कि आज के डिजिटल युग में, कंप्यूटर, सोशल मीडिया और वैश्विक मंचों पर हिंदी की स्थिति सशक्त हो रही है और दुनिया भर के 175 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जा रही है।
प्रवीण कुमार ने आगे जोड़ते हुए कहा, “हमें गर्व होना चाहिए कि हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
यह भाषा वह महानदी है जिसमें साहित्य, कविता और विचारों की धाराएँ बहती हैं। हर देशवासी का दायित्व है कि वह अपने दैनिक जीवन के साथ-साथ कार्यालय कार्य में भी हिंदी को अपनाए। नवाचार और रचनाशीलता का संगम तभी संभव है जब हम हिंदी को अपने अभिव्यक्ति का अभिन्न अंग बनाएं।”
निगम में हिंदी पखवाड़ा दिनांक 29.09.2025 तक चलेगा, जिसमें अनुवाद, श्रुतलेख, निबंध, टिप्पण एवं प्रारूप लेखन, वाद-विवाद, कविता पाठ तथा हिंदीतर कर्मचारियों के लिए प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी।
निगम मुख्यालय के साथ ही भारत वर्ष में मौजूद निगम के सभी ए.ए.पी.सी. एवं आर.एम.सी. इकाइयों में भी हिंदी दिवस एवं हिंदी पखवाड़ा का उद्घाटन किया गया ।
कार्यक्रम में निगम के महाप्रबंधक (वित्त, प्रशासन, सामग्री प्रबंधन एवं परियोजना) अतुल रुस्तगी, महाप्रबंधक एवं प्रभारी (संचालन/सी.वी.ओ.) श अजय चौधरी, महाप्रबंधक एवं प्रभारी (विपणन, अभिकल्प एवं सूचना प्रौद्योगिकी) विवेक द्विवेदी की एवं समस्त राजभाषा कार्यान्वन समिति के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्र्म का संचालन आशीष सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) ने किया।