केवीआईसी के माध्यम से हम गरीबों को आत्मनिर्भर बनाना, रोज़गार देना, ग्रामीण क्षेत्रों में खादी को बढ़ावा देना, मज़बूत ग्रामीण समुदाय का निर्माण करना आदि कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, कंेद्र सरकार, क्षेत्रीय निदेशालय, कानपुर द्वारा स्पेशल अभियान 3.0 के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा मिशन पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सहायक निदेशक आशुतोष सिंह ने ग्राम नेहरू नगर बहरौली, ब्लॉक गोसाईगंज, लखनऊ में कही।
उन्होंने प्रधान मंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम, पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए फंड स्कीम, इंटरेस्ट सब्सिडी एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट, खादी सुधार और विकास कार्यक्रम इत्यादि योजनाओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सी. पी. सिंह, क्षेत्रीय निदेशक ने उपस्थित सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया एवं श्रमिक शिक्षा के उददेश्य एवं स्वच्छता ही सेवा के महत्त्व पर प्रकाश डाला और कहा कि स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) आंदोलन 15 सितंबर 2018 को शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में पूर्ण स्वच्छता की दिशा में प्रयासों में तेजी लाना है। यह गांव के स्तर पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विरासत कचरे की सफाई और विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने के लिए एक बड़े पैमाने पर सामुदायिक एकजुटता अभियान है।
इसके अलावा, उन्होंने प्रतिभागियों को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना के तहत पंजीकरण करने और ई-श्रम कार्ड बनाने की सलाह दी। उन्होंने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बेहतर जीवन के लिए अपना भविष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री पेंशन योजना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
डा0 कीर्ति विक्रम सिंह, सहायक निदेशक, इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ने कहा कि शिक्षित श्रमिक ही देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है बिना शिक्षा के उनका समाजिक एवं आर्थिक विकास असंभव है। उन्होने बताया कि इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी में भी विभिन्न प्रकार के कामगारों के विकास से संबंधित अलग-2 प्रकार के कई कोर्स करने का प्रावधान है, जिनके अध्ययन से स्वयं को सशक्त बनाया जा सकता है।
जन शिक्षण संस्थान, लखनऊ निदेशक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आत्म निर्भर भारत का सपना तभी साकार हो सकता है जब देश का श्रमिक वर्ग अपने कर्तव्यो का निर्वाहन ठीक ठंग से करे और यह तभी संभव है जब वह शिक्षित एवं जागरुक हो। उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी और बताया कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के द्वारा राज्य के मजदूरों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए की गयी है। इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के लोट कर आये मजदूरों को और पारंपरिक कारीगरों व दस्तकारों को अपने हुनर को और ज्यादा निखारने के लिए 6 दिन की फ्री ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। जिससे वह अपना खुद का रोजगार शुरू कर सके। इसी के साथ संस्थान द्वारा असिटेंट जूट क्राफ्ट प्रोडक्ट मेकर प्रशिक्षण की सफल 40 महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर केजीएमयू की टीम ने स्वास्थ्य सम्बंधी जागरूकता भी प्रदान की
कार्यक्रम के अंत में सी. पी. सिंह, क्षेत्रीय निदेशक ने उपस्थित सभी अतिथियों को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपना आभार व्यक्त किया एवं उपस्थित सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया जसमें लगभग 100 प्रतिभागियो ने भाग लिया।