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उत्तर भारत में पहली बार 2 से 9 दिसंबर, 2023 तक हॉर्नबिल सप्ताह का आयोजन

लखनऊ। 2 से 9 दिसंबर 2023 तक 8 दिवसीय हॉर्नबिल सप्ताह, जूलॉजी विभाग, इसाबेला थोबर्न कॉलेज, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण विज्ञान विभाग,इंटीग्रल यूनिवर्सिटी और उत्तर प्रदेश वन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ संयुक्त रूप से 9 दिसंबर, 2023 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

हॉर्नबिल सप्ताह 2023 उत्तर भारत में मनाया जाने वाला पहला कार्यक्रम है जो नागालैंड राज्य में मनाए जाने वाले हॉर्नबिल पक्षी उत्सव की थीम पर आधारित है। यह विचार सुश्री रुचिरा निगम (रिसर्च स्कॉलर,जूलॉजी विभाग,इसाबेला थोबर्न कॉलेज,लखनऊ विश्वविद्यालय) द्वारा साझा किया गया था, जो यूपी के तराई क्षेत्रमें हॉर्नबिल प्रजाति पर पीएचडी कर रही हैं।

 

यह कार्यक्रम लखनऊ विश्वविद्यालय के इसाबेला थोबर्न कॉलेज के जन्तु विभाग की प्रमुख प्रोफेसर चित्रा सिंह और इंटीग्रल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर एम.ए.खालिद, डीन, छात्र कल्याण के मार्गदर्शन औ योगदान द्वारा सम्पन्न किया गया। आयोजन को सफल बनाने के लिए श्री आसिफ अहमद सिद्दीकी, शोध छात्र, पर्यावरण विज्ञान विभाग, इंटीग्रल विश्वविद्यालय और डॉ. रूबी यादव, सहायक प्रोफेसर व प्रमुख, जन्तु विभाग, कृष्णा देवी बालिका पी.जी. द्वारा सार्थक प्रयास किए गए। पक्षियों की प्रजातियों के शिकार, पकड़ने और अवैध व्यापार के खिलाफ करामत हुसैन गर्ल्स पीजी कॉलेज और नवयुग कन्या महाविद्यालय जैसे स्कूलों, कॉलेजों में ऑनलाइन क्विज़ प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता और हस्ताक्षर अभियान, जैसी- विभिन्न जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जहाँ बहुत सारे उत्साही छात्रों ने भाग लिया। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, जहां छात्रों ने अपने कलात्मक दिमाग का प्रदर्शन किया। सुश्री रुचिरा निगम और श्री आसिफ अहमद सिद्दीकी के नेतृत्व में टीम द्वारा 3 दिसंबर से 8 दिसंबर 2023 तक लखनऊ, सीतापुर, हरदोई एवं बखिरा और सोहागी बरवा वन्यजीव अभ्यारण्य में समुदाय और वन अधिकारियों के लिए एक जागरूकता अभियान भी चलाया गया।
9 दिसंबर 2023 को हॉर्नबिल सप्ताह का समापन ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला के साथ हुआ जिसमें लगभग 190 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया।प्रो.एम.ए.खालिद ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी दी और सभी प्रतिभागियों और विशेषज्ञों का स्वागत किया। प्रोफेसर चित्रा सिंह ने प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम के लक्ष्य और उद्देश्य के बारे में बताया,जिसके बाद सुश्री रुचिरा ने हॉर्नबिल सप्ताह पर आयोजित गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी साझा की और श्री आसिफ अहमद सिद्दईकि जी ने हॉर्नबिल जागरूकता सामग्री (जैसे ब्रोशर, पैम्फलेट(हिंदी और अंग्रेजी) एवं हॉर्नबील कैलंडर 2024) का अनावरण किया । श्री संजय पाठक, आइ एफ एस, पूर्व फील्ड डायरेक्टर, दुधवा नेशनल पार्क, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, उत्तर प्रदेश वन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने जंगल में हॉर्नबिल्स के महत्व को बताया और बीज फैलाव में इसकी अहम भूमिका के बारे में बताया। डॉ.राजू कासाम्बे, सहायक निदेशक-संरक्षण, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, मुंबई, महाराष्ट्र, ने भारत में शहरी वातावरण में इंडियन ग्रे हॉर्नबिल के जीवन के बारे में विस्तार से बताया, इसी श्रंखला मे सुश्री प्रीति पांडे, रेंज वन अधिकारी, बखिरा रेंज, संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश ने मानव पक्षी संघर्ष पर अपने विचार साझा किये। श्री रुद्र बनर्जी, रिसर्च स्कॉलर, सीएसआईआर-एनबीआर ने बताया कि कैसे कोई अपने परिवेश के लेंस के माध्यम से पर्यावरण को समझ सकता है। अंत में डॉ. रूबी यादव, सहायक प्रोफेसर व प्रमुख जन्तु विभाग, कृष्णा देवी बालिका पी.जी. कॉलेज ने सुकथनों व प्रोफेसर चित्र सिंह जी ने सभी का धन्यवाद से कार्यक्रम का समापन किया और हॉर्नबिल संरक्षण पर एक मजबूत संदेश दिया।

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