*राष्ट्रीय हिन्दू रक्षा परिषद 2 नवंबर को आयोजित करेगा विराट संत सम्मेलन: देश के प्रख्यात कवि और संत होंगे शामिल*
लखनऊ। 2 नवम्बर 2025 को होने वाले विराट संत सम्मेलन एवं काव्य गोष्ठी की तैयारियों को लेकर आयोजित की गई, जिसमें परिषद के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य साझा किए।
प्रेसवार्ता के दौरान राष्ट्रीय हिन्दू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय महासचिव मुकेश दूबे ने कहा कि आगामी 2 नवम्बर को लखनऊ में आयोजित यह विराट संत सम्मेलन केवल एक धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि यह राष्ट्र, धर्म और समाज में एकता और समरसता का सशक्त संदेश देने वाला ऐतिहासिक महाआयोजन सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि इस मंच पर देशभर से संत-महात्मा, कवि, साहित्यकार और समाजसेवी एकत्र होकर राष्ट्र, धर्म और संस्कृति से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
राष्ट्रीय हिन्दू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय महासचिव मुकेश दुबे ने कहा कि परिषद का मुख्य उद्देश्य समाज में नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना, भारतीय संस्कृति का संवर्धन और राष्ट्रप्रेम की भावना को मजबूत करना है। उन्होंने पत्रकारों और आम जनमानस से अपील की कि वे इस आयोजन के प्रचार-प्रसार में सहयोग करें, ताकि यह संदेश जन-जन तक पहुंचे और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की लहर उत्पन्न हो।
राष्ट्रीय महासचिव मुकेश दुबे बताया कि आज समाज को जाति और वर्गों में बाँटने की साज़िशें लगातार हो रही हैं। ऐसे में परिषद ने निर्णय लिया है कि प्रमुख संतों के मार्गदर्शन में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, जो समाज में एकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा। इस अभियान के माध्यम से परिषद जनसंवाद स्थापित कर लोगों को जागरूक और संगठित करेगी, ताकि राष्ट्र की एकता को सशक्त बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हिन्दू रक्षा परिषद न केवल धार्मिक विषयों पर कार्य कर रही है, बल्कि वह सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक जागरण की दिशा में भी निरंतर प्रयासरत है। इस सम्मेलन के जरिए समाज के हर वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा और भारत की सनातन परंपरा को नई ऊर्जा देने का संकल्प लिया जाएगा।
इस अवसर पर प्रदेश सामाजिक सेवा रक्षा प्रभारी प्रवेश श्रीवास्तव ने बताया कि परिषद के कार्यकर्ता आयोजन की तैयारियों में दिन-रात जुटे हुए हैं और कार्यक्रम को भव्य स्वरूप देने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन भक्ति, साहित्य और सामाजिक चेतना का एक अनोखा संगम होगा, जो समाज को नई दिशा देने में मील का पत्थर साबित होगा।
अंत में परिषद के पदाधिकारियों ने विश्वास जताया कि दिनांक 2 नवम्बर 2025 को विश्वेश्वरैया सभागार, लोक निर्माण भवन, हजरतगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में प्रातः 10 बजे से होने वाला यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनेगा, बल्कि समाज में प्रेम, एकता और राष्ट्रनिष्ठा की भावना को भी प्रबल करेगा — और यही इस सम्मेलन की सबसे बड़ी सफलता होगी।
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