आज लोग अपनी विरासत को हूबहू अगली नस्ल तक पहुचाएं। अल्लामा इक़बाल को आज बहुत से लोग नहीं जानते लेकिन उनका काम आज हिंदुस्तान के बच्चे बच्चे की ज़ुबान पर सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा के रूप में बसता है। यें बातें उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा विश्व उर्दू दिवस के मौके पर जश्ने उर्दू कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमुख समाज कल्याण के प्रमुख सचिव डॉ हरि ओम ने उर्दू प्रेक्षागृह में कही।
उद्घाटन सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अब्बास रज़ा नय्यर ने अल्लामा इक़बाल की ज़िंदगी और उनके फलसफे पर प्रकाश डाला।
दूसरे सत्र में लखनऊ की ग़ज़ल गायिका डॉ प्रभा श्रीवास्तव ने शाम ए ग़ज़ल को सजाया डॉ प्रभा ने शाम ए ग़ज़ल की शुरुआत अल्लामा इक़बाल की ग़ज़ल तेरे इश्क़ की इंतेहा चाहता हूं से की इसके बाद तू तो खुद ही एक ग़ज़ल है तुझे क्या ग़ज़ल सुनाएं सहित कई अन्य शायरों की ग़ज़लें पेश की।
कार्यक्रम में नगर के तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
सचिव शौकत अली ने सभी को धन्यवाद दिया।