Breaking News

आयुष आज के समय की आवश्यकता और इसकी प्रमाणिकता भी वैज्ञानिक है -केन्द्रीय मंत्री आयुष सर्बानंद सोनवाल

राजधानी में चार दिवसीय तीसरे अंतर्राष्ट्रीय आरोग्य-2024 का शुभारम्भ

आयुष चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार का हरसंभव प्रयास
-डा0 दयाशंकर मिश्र दयालु

पूजा श्रीवास्तव

आयुष हमारी प्राचीनतम उच्च चिकित्सा पद्धति है। यह आज के समय की आवश्यकता और इसकी प्रमाणिकता भी वैज्ञानिक है। यें बातें 22 से 25 फरवरी, तक चार दिवसीय तीसरे अंतर्राष्ट्रीय आरोग्य-2024 का शुभारम्भ करते हुए केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनवाल ने अवध शिल्पग्राम लखनऊ में कही।

उन्होंने कहा कि हमें ज्ञात है कि इस परम्परागत चिकित्सा प्रणाली में हम सब सर्वाेत्तम है। देश में आयुष के विकास के लिए शिक्षण, प्रशिक्षण और उत्पादन का एक अच्छा ईको सिस्टम तैयार किया है।

केन्द्रीय आयुष मंत्री ने कहा कि आयुष के विकास के लिए हमारे देश में सभी जगहों पर स्थानीय स्तर पर पर्याप्त संसाधन है। हम वोकल फार लोकल से ग्लोबल की ओर अग्रसर हो रहे हैं। भारत आयुष की क्षेत्र मंें अपने आत्मनिर्भरता सिद्ध करते हुए अपनी आवश्यकतानुसार विश्व को अपने साथ जोड़कर एक वैश्विक समाज का निर्माण कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज के आयोजन से हमे अपने आयुष के जीवनशैली को वैश्विक पहचान दिलाने में सफल होंगे। इस तरह आयुष के प्रोत्साहन से हम सम्पूर्ण मानवता को खुशहाली की ओर ले जा पायेंगे।

केन्द्रीय आयुष मंत्री ने कहा कि हमारी आयुष पद्धति को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू0एच0ओ0) ने मान्यता दी है और परम्परागत चिकित्सा पद्धति में हम शिखर पर है। चूंकि इसकी वैज्ञानिकता भी सिद्ध है। उ0प्र0 मंें आयुष के लिए एक अच्छा वातावरण है। उ0प्र0 भारत का एक खूबसूरत राज्य है। भारत में आयुष के विकास होने से भारत को बल्कि सभी देशों को समान लाभ मिलेगा।

केन्द्रीय आयुष राज्यमंत्री मंजूपारा महेन्द्र भाई ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयुष के क्षेत्र में भारत ने अनेक उपलब्धियॉ हासिल की है। आयुष के प्रोत्साहन के साथ-साथ परम्परागत औषधियों के उत्पादन और निर्यात में बढ़ावा मिल रहा है।

इस अवसर पर प्रदेश के आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 दयाशंकर मिश्र दयालु ने अपने सम्बोधन में कहा कि आयुष हमारे देश की सबसे प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है। राज्य सरकार इस प्रणाली को लोकप्रिय बनाने तथा जन-जन के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का कार्य कर रही है। इस पद्धति को और प्रमाणिक, सुलभ बनाने के लिए प्रयासरत हैं। विभिन्न जनपदों में आयुष के 4000 चिकित्सालय लोगों को चिकित्सकीय सुविधाये उपलब्ध करा रही हैं। योग एवं नेचुरोपैथी के उत्कृष्ठ शोध को बढ़ावा देने के लिए महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर में स्थापित किया गया है। इस चिकित्सालय में आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथी की ओपीडी सेवायें शुरू हो गयी हैं।
उन्होंने इस चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय आरोग्य-2024 के आयोजन के लिए केन्द्रीय मंत्री आयुष एवं राज्यमंत्री आयुष का आभार जताया।
प्रमुख सचिव आयुष लीना जौहरी ने कहा कि आयुष एक चिकित्सा पद्धति नहीं बल्कि जीवनपद्धति है। इसके विकास के साथ-साथ सम्पूर्ण मानवता के निरोग एवं स्वस्थ बनाने के लगातार प्रयासरत हैं। मुझे खुशी है कि इस चार दिवसीय आयोजन के दौरान आयुष को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने तथा शोध को बढ़ावा देने मंे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्साप्रणालियों की एक श्रृंखला है जिसके माध्यम से हानि रहित सस्ती चिकित्सा जरूरतमंदों को प्राप्त होती है। राज्य सरकार का प्रयास है कि आयुष के साथ अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए और इसे एक प्रमाणिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में विकसित किया जाए।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव आयुष भारत सरकार तथा फिक्की के पदाधिकारी सहित अन्य विशेषज्ञों ने अपने व्यक्त किये।
इस मौके पर राज्यमंत्री महिला बालविकास एवं पुष्टाहार प्रतिभा शुक्ला, उ0प्र0 राज्य सोसाइटी के निदेशक महेन्द्र वर्मा सहित आयुष विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं देश-विदेश से आये प्रतिनिधि उपस्थित थे।

About ATN-Editor

Check Also

भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को निर्यात के लिए तैयार डीजीएफटी और डीएचएल के बीच एमओयू

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) अपनी जिला निर्यात केंद्र नामक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *