पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने 20 नवीन वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों का किया लोकार्पण
प्रत्येक केन्द्र में 400 गोवंश को संरक्षित करने की क्षमता
सड़कों तथा राजमार्गों के समीपस्थ ग्रामों में पशुपालकों के गोवंशों के रात्रि के समय सड़क पर आ जाने की स्थिति में मार्ग दुर्घटना की आशंका बना रहती है। सरकार द्वारा इन पशुपालकों के पशुओं के गले में रेडियम पट्टी लगाये जाने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश निर्गत कर दिये गये हैं। यें बातें निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश के 11 जनपदों के 20 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का वर्चुवल लोकार्पण करते हुए उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने पशुपालन निदेशालय में कही।
उन्होंने बतया कि जनपद हरदोई में 05, आगरा में 03, बांदा, फर्रूखाबाद, कासगंज, हाथरस, सीतापुर एवं मुरादाबाद में एक-एक तथा सहारनपुर, शाहजहांपुर एवं सुल्तानपुर में 02-02 वृहद गो संरक्षण केंद्रो का शत प्रतिशत शामिल है। सभी 20 वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों के निर्माण लागत रुपए 3202.04 लाख है। प्रति केंद्र में लगभग 400 गोवंश को संरक्षित किया जा सकता है।
इस अवसर पर जनपद आगरा से भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, एस0पी0 सिंह बघेल भी ऑनलाइन कार्यक्रम से जुड़े रहे। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित गो संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास के0 रविन्द्र नायक ने कहा कि विभाग द्वारा निराश्रित गोवंश का गो आश्रय स्थलों में निरंतर संरक्षण किया जा रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा ग्राम्य विकास, राजस्व विभाग, नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग तथा गृह विभाग के समन्वय से अवशेष निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु निरन्तर अभियान चलाया जा रहा है।
कार्यक्रम में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पांडे, पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डॉ0 जयकेश पाण्डे ,निदेशक, (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) डॉ योगेंद्र सिंह पवार,संयुक्त निदेशक डॉ पी0के0 सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।