Breaking News

मिशन लाइफ अभियान को गति देने में, सड़कों के निर्माण की एफडीआर तकनीक साबित हो रही उपयोगी व कारगर- केशव प्रसाद मौर्य

मिशन लाइफ- 2023 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश अंतर्राज्यीय स्थल निरीक्षण एवं हरित / नवीन प्रौद्योगिकी कार्यशाल

पूजा श्रीवास्तव

गांवों के संतुलित व समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आयाम यह भी है कि ग्रामीण सड़कों के किनारे दीर्घकालीन प्रजातियों के पौधे रोपित किए जाएं ,इससे मिशन लाइफ अभियान को गति मिलेगी। यें बातें मिशन लाइफ के अंतर्गत ग्रीन/ न्यू टेक्नोलॉजी पर आधारित कार्यशाला को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रायबरेली साइट विजिट करते हुए कही।

 

कार्यशाला में विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों का उन्होंने आह्वान किया कि वह सड़कों के निर्माण में एफडीआर तकनीक के अलावा और अधिक ऐसे शोधपरक कार्य करें, जिससे पर्यावरण व जल संरक्षण को बढ़ावा मिले।
श्री मोर्या ने कहा कि पीएमजीएसवाई की सड़कों के निर्माण में एफ डी आर तकनीक को अपनाने मे उत्तर प्रदेश लीड कर रहा है।उन्होंने कहा कि सड़कों का डिजाइन इस प्रकार से किया जाए कि आवागमन की सुविधा के साथ-साथ पर्यावरण की अनुकूलता के दृष्टिकोण से भी लाभकारी सिद्ध हों। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के कार्य में पर्यावरण संरक्षण हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाने में अग्रणी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 5400 किलोमीटर( 684 मार्ग) के निर्माण का कार्य ग्रीन टेक्नोलॉजी/एफडीआर तकनीक पर किया जा रहा है, जिससे सापेक्ष 900 किलोमीटर निर्माण पूरा हो चुका है। इस तकनीक में अलग से गिट्टी (एग्रीगेट) का प्रयोग नहीं किया जाता है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं होता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 5400 किलोमीटर एफडीआर के तहत पीएमजीएसवाई मार्गों के निर्माण में लगभग 86 लाख क्यूबिक मीटर गिट्टी तथा इसके सापेक्ष ट्रांसपोर्टेशन में 650 लाख लीटर फ्यूल की बचत आंकलित की गयी है।इस प्रकार एफडीआर तकनीक से कार्बन फुट प्रिंट को कम किया जा रहा है तथा यह तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है। एफआईआर तकनीक से बनायी जा रही सड़कों की लागत कम और गुणवत्ता अधिक है, और टिकाऊ भी अधिक होती हैं
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मा० प्रधानमन्त्री जी की दूरगामी सोंच व विजन के अनुरूप आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर गांवों में अमृत सरोवरो का निर्माण प्रारंभ किया गया और अमृत सरोवरो के निर्माण में उत्तर प्रदेश, देश में पहले स्थान पर है। अमृत सरोवर ग्रामीण पर्यटन का केन्द्र तो साबित ही हो रहे हैं, और पर्यावरण व जल संरक्षण के दृष्टिकोण से भी बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं,यही नहीं इन सरोवरों के पास शिलाफलकम् और अमृत वाटिकाएं भी बनायी गयी है, जो मिशन लाइफ अभियान के उद्देश्यों को फलीभूत बनाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इनको सुरक्षित बनाये रखें।
राज्यमंत्री, ग्राम्य विकास विभाग विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा कि एफडीआर तकनीक से बनी सड़कों की गुणवत्ता कन्वेंशनल तकनीक से बने मार्गाे की अपेक्षा उत्तम होती है। कार्यशाला को ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी, उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुखलाल भारती, ने भी सम्बोधित किया।

कार्यशाला में 17 राज्यों असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड, उड़ीसा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा व उत्तराखंड के प्रतिनिधियों व विभिन्न तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधियों व यूपीआरआरडीए के अधिकारियों ने अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किये।
उत्तर प्रदेश द्वारा एफ०डी०आर० तकनीक की ट्रेनिंग एवं वर्कशॉप लगभग 15 राज्यों को दी जा चुकी है एवं उत्तर प्रदेश की लगभग 70 कन्स्ट्रक्शन फर्मों द्वारा भी न्यू / ग्रीन टैक्नोलॉजी पर कार्य करने की दक्षता हासिल की जा चुकी है।

About ATN-Editor

Check Also

NHRC takes suo motu cognizance of the reported death of a villager and injuries to others in a police lathi charge while protesting against installation of electricity poles in Ghazipur, Uttar Pradesh

Issues notices to the DGP, Uttar Pradesh and DM Ghazipur, calling for a detailed report …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *