सहारा इंडिया परिवार से रिफंड
कुल राशि में से रु. सहारा-सेबी रिफंड खाते में 24,979.67 करोड़ रुपये पड़े हैं। 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को हस्तांतरित किए जाएंगे, जो बदले में, सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं के वैध बकाए के विरुद्ध इसका वितरण करेगा, जिसका भुगतान वास्तविक जमाकर्ताओं को सबसे पारदर्शी तरीके से किया जाएगा और उचित पहचान पर और उनकी जमा राशि का प्रमाण और उनके दावों का प्रमाण प्रस्तुत करने पर और सीधे उनके संबंधित बैंक खातों में जमा किया जाएगा।
सर्वाेच्च न्यायालय के दिनांक 29.03.2023 के आदेश के अनुपालन में, वास्तविक लोगों द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए 18.07.2023 को एक ऑनलाइन पोर्टल सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टलष् ीजजचेरू//उवबतमनिदक.बतबे.हवअ.पद लॉन्च किया गया है। सहारा समूह की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों के जमाकर्ता, अर्थात सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद को उनकी वैध जमा राशि की वापसी के लिए। संवितरण की पूरी प्रक्रिया एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल की सहायता से माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.सुभाष रेड्डी की देखरेख और निगरानी में की जा रही है। पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलेस है।
पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों पर पारदर्शी ढंग से एवं उचित पहचान तथा अपनी पहचान एवं जमा राशि का प्रमाण प्रस्तुत करने पर कार्यवाही की जा रही है। भुगतान सीधे वास्तविक जमाकर्ताओं के आधार से जुड़े बैंक खाते में जमा किया जा रहा है।
उन जमाकर्ताओं के लिए, जिनके दावों को उनके दावों में देखी गई कमियों के कारण संसाधित नहीं किया जा सका, दावों को फिर से जमा करने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल (पुनः सबमिशन) ीजजचेरू//उवबतमेनइउपज.बतबे.हवअ.पद लॉन्च किया गया है। चरणबद्ध तरीके से ऐसी कमियों को दूर किया जाएगा।
वर्तमान में, आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से सत्यापित दावों के खिलाफ सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रत्येक वास्तविक जमाकर्ता को केवल 10,000/- रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है।
यह बात सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।