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हाथ से बनी वस्तुएं धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं, इन्हें संरक्षित करना हम सबका दायित्व है- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

 

राज्यपाल ने चुन्नीगंज स्थित कन्वेंशन सेंटर, कानपुर नगर में ग्रामश्री एवं क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी का शुभारंभ किया


प्रदर्शनी का उद्देश्य पारंपरिक हस्तकला को प्रोत्साहन देना, कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और नई पीढ़ी को भारतीय कला एवं संस्कृति से जोड़ना है

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यह प्रदर्शनी 4 से 8 अक्टूबर तक आयोजित की जा रही है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए कारीगर अपनी अनूठी हस्तकलाओं का प्रदर्शन कर रहे है

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राज्यपाल ने लोक संस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान हेतु कश्मीर की जाहिदा अमीन को ‘डी.लिट्’ की उपाधि से सम्मानित किया

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लखनऊ : 10 अक्टूबर, 2025

 

प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चुन्नीगंज स्थित कन्वेंशन सेंटर, कानपुर नगर में ग्रामश्री एवं क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। प्रदर्शनी का उद्देश्य पारंपरिक हस्तकला को प्रोत्साहन देना, कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और नई पीढ़ी को भारतीय कला एवं संस्कृति से जोड़ना है।

पाँच दिवसीय यह प्रदर्शनी 4 से 8 अक्टूबर 2025 तक आयोजित की जा रही है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए कारीगर अपनी अनूठी हस्तकलाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन लोगों को स्वदेशी अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। हमें स्वदेशी को प्रोत्साहन देना और उसे अपनाना चाहिए। हाथ से बनी वस्तुएं धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं, इन्हें संरक्षित करना हम सबका दायित्व है। इस प्रदर्शनी में कई ऐसी हस्तकलाएं प्रदर्शित हैं जो लुप्त प्राय हैं। यहां खरीदारी करने से कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा। यह हमारी धरोहर और विरासत है, इसे बचाना आवश्यक है। आमजन परिवार सहित यहां आएं और बच्चों को अपने देश की कला से परिचित कराएं। बच्चे प्रेरित होंगे और हस्तकला को सहेजने में अपना योगदान देंगे।”

इस अवसर पर राज्यपाल जी ने लोक संस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान हेतु कश्मीर की सुश्री जाहिदा अमीन को ‘डी.लिट्’ की उपाधि से सम्मानित भी किया।

प्रदर्शनी में 22 राज्यों के कारीगरों द्वारा 110 से अधिक पारंपरिक हस्तकलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। इनमें ओडिशा की पट्टचित्र पेंटिंग्स, राजस्थान की लाख की चूड़ियां और मिनिएचर पेंटिंग्स, उत्तर प्रदेश की कांच की कलाकृतियां, मध्य प्रदेश की बांस कला तथा कर्नाटक की चन्नपट्टना टॉयज प्रमुख आकर्षण हैं।

कारीगरों द्वारा लाइव डेमॉन्स्ट्रेशन भी प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिनसे दर्शक कला के निर्माण की बारीकियों को नज़दीक से देख और समझ सकेंगे। प्रदर्शनी में उत्पादों की कीमतें 50 रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक रखी गई हैं, जिससे सभी वर्गों के लोग अपनी पसंद और बजट के अनुसार खरीदारी कर सकेंगे।

 

इस अवसर पर ग्रामश्री एवं क्राफ्टरूट्स की संस्थापक अनार पटेल, विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक, नगर आयुक्त सुधीर कुमार सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद थे।

 

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