इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) अपनी स्थापना के बाद से देश के हर हिस्से में सुलभ और सस्ती बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित रहा है। आठ करोड़ ग्राहकों तक पहुंचने की यह उल्लेखनीय उपलब्धि भारत के लोगों की ओर से आईपीपीबी पर विश्वास को दिखाती है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की स्थापना वित्तीय सेवाओं की कमी को दूर करने, वंचित जनसंख्या को सशक्त बनाने और पारंपरिक व डिजिटल बैंकिंग सेवाओं के संयोजन के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक कदम था। यें बातें आईपीपीबी के एमडी, सीईओ (अंतरिम) और सीओओ ईश्वरन वेंकटेश्वरन ने जारी एक बयान में दी।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि हर भारतीय को, चाहे उनका क्षेत्र या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, उन तक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के हमारे मिशन का प्रमाण है। उन्होंने आगे कहा कि डाक घरों के व्यापक नेटवर्क के साथ आईपीपीबी के ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण ने इस उपलब्धि को प्राप्त करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बैंक आने वाले वर्षों में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने, अभिनव उत्पादों को प्रस्तुत करने और ग्राहक अनुभव के संवर्द्धन के लिए प्रतिबद्ध है।
वेंकटेश्वरन ने कहा, “इस उपलब्धि का उत्सव मनाते समय हम अपने ग्राहकों, हितधारकों और आईपीपीबी व डाक विभाग की समर्पित टीम को उनके अटूट समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हैं। वित्तीय रूप से एक समावेशी भारत की दिशा में यात्रा जारी है और आईपीपीबी सुलभ बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से बेहतर परिवर्तन लाने में सबसे आगे बना हुआ है।”
सीईओ ने कहा कि आईपीपीबी ने वित्तीय समावेशन के लिए प्रतिबद्धता के साथ आबादी के विभिन्न वर्गों के लोगों को सशक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें सुदूर और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी शामिल हैं। बैंक ने डिजिटल बैंकिंग सेवाओं पर ध्यान देकर सुगम लेन-देन की सुविधा प्रदान की है, जिससे बैंकिंग सेवाओं तक व्यापक स्तर पर लोगों की पहुंच हुई है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना भारत सरकार के 100 फीसदी हिस्सेदारी के साथ संचार मंत्रालय के अधीन डाक विभाग तहत की गई है। 1 सितंबर, 2018 को इसकी स्थापना की गई थी। आईपीपीबी की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, सस्ता और विश्वसनीय बैंक बनाने की सोच के साथ की गई है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल उद्देश्य बैंकिंग सुविधा से वंचित व कम बैंकिंग सुविधा वाले लोगों के लिए बाधाओं को दूर करना और 1,55,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 1,35,000) और 3,00,000 डाक कर्मचारियों वाले डाक नेटवर्क का लाभ उठाकर सुदूर क्षेत्र तक पहुंचना है।
आईपीपीबी की पहुंच और इसका परिचालन मॉडल इंडिया स्टैक के प्रमुख स्तंभों- जो ग्राहकों के दरवाजे पर सीबीएस-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से सरल व सुरक्षित तरीके से कागजरहित, नकदीरहित और उपस्थिति-रहित बैंकिंग को सक्षम बनाता है। कम लागत वाले नवाचार का लाभ उठाते हुए और जनता के लिए बैंकिंग में सुगमता पर अधिक ध्यान देने के साथ आईपीपीबी 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से सरल व सस्ती बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है।
यह कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया की सोच में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत तब समृद्ध होगा जब हर एक नागरिक को आर्थिक रूप से सुरक्षित और सशक्त बनने का समान अवसर प्राप्त होगा। हमारा आदर्श वाक्य है- हर एक ग्राहक महत्वपूर्ण है, हर एक लेन-देन महत्वपूर्ण है और हर एक जमा मूल्यवान है।