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मणिकर्णिका – एक निरंतर दौड़ देश के नाम

राष्ट्र सेविका समिति के तरूणी विभाग द्वारा झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के जन्मदिन के उपलक्ष में 1090 चौराहे से एक मैराथन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि  2013 बैच की पी सी एस अधिकारी शैल कुमारी जी थीं, जो वर्तमान में सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, लखनऊ के पद पर कार्यरत हैं।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता के रूप में सुश्री समृद्धि जी थीं, जो सी एम एस विशाल खण्ड गोमती नगर में कक्षा 11 की छात्रा हैं, इन्होंने कक्षा 10 में आई सी एस सी बोर्ड की परीक्षा में 98.4% अंक प्राप्त कर भारत में 8 वा स्थान प्राप्त किया था।इसी के साथ आदरणीय मुक्ता बब्बर जी जो वर्तमान में जनता गर्ल्स इंटर कॉलेज, आलमबाग में स्पोर्ट्स अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं उपस्थित रहीं कार्यक्रम में कुमारी शशी, क्षेत्र प्रचारिका, पूर्वी उत्तर प्रदेश राष्ट्र सेविका समिति, मिथलेश सिंह, निधि प्रमुख अवध प्रांत, राष्ट्र सेविका समिति एवं राष्ट्र सेविका समिति के तरूणी विभाग टोली की समस्त सेविकाएं उपस्थित थीं, इस कार्यक्रम में शंभुका फाउंडेशन ने अपना सहयोग दिया।

 

राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना 1936 में महाराष्ट्र के वर्धा में लक्ष्मीबाई केलकर द्वारा हुई थी, जिसका उद्देश्य “स्त्री संगठित और संकारित हों- तरुण शक्ति तुम राष्ट्र शक्ति का जनमन में संचार करो”। इस विचार के साथ महाविद्यालयीन तरूणी विभाग तरुणियों को राष्ट्रहित के लिए निरंतर ही जागरूक करने का कार्य कर रहा है। इसके विभिन्न कार्यक्रम निरंतर

ही कार्यशील रहते हैं जैसे तरूणी शाखा, तरूणी शिविर, तरूणी मिलन, आत्मरक्षा शिविर इत्यादि।

 

महाविद्यालयीन तरूणी विभाग के मुख्यतः तीन प्रेरणास्रोत हैं –

– सर्वप्रथम तेतृत्व की विलक्षण प्रतिभा की धनी रानी लक्ष्मीबाई।

– सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति एवं विचारों का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद।

– भगिनी निवेदिता जिन्होंने अपनी लेखनी व ओजस्वी वाणी से सम्पूर्ण देश के युवक युवतियों को स्वाधीनता का सिपाही बना दिया था।

 

आज इस मैराथन का नाम ” मणिकर्णिका – एक निरंतर दौड़ देश के नाम” दिया गया है, इसके आयोजन का उद्देश्य है कि तरूणीयों के मध्य रानी लक्ष्मीबाई की प्रेरणा का राष्ट्र के प्रति आचार विचार व्यवहार का संचार हो सके।

आज संपन्न हुई 3 किलोमीटर की मैराथन में लगभग 100 तरुणियों ने भाग लिया।

 

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