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मौलाना आज़ाद-जयंती का आयोजन’’

महान स्वतंत्रता सेनानी, स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती को मुमताज़ पीजी कॉलेज के मौलाना अली मियां हॉल में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया(जो कि दिनांक 11 नवम्बर को दीपावली के अवकाश के कारण नहीं मनाया जा सका था )। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर नसीम अहमद खान ने उपस्थित मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर सरवत तक़ी एवं डॉ मंसूर हसन का स्वागत किया।इस अवसर पर उन्होंने मौलाना आज़ाद के जीवन की दशा-दिशा पर चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं को देश के प्रति समर्पित होने की शिक्षा दी। कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय के तीनों संकायों के छात्र-छात्राओं ने सकारात्मक रूप से भाग लिया। इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं द्वारा देश की स्वतंत्रता एवं शिक्षा हेतु मौलाना आज़ाद के योगदान पर आधारित भाषण प्रस्तुत किए, उत्कृष्ट भाषण प्रस्तुत करने वाले प्रतियोगियों को महाविद्यालय के प्राचार्य एवं मुख्य अतिथि ने पुरस्कृत किया। मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर सरवत तक़ी ने मौलना आज़ाद पर चर्चा करते हुए उनके बहुभाषा ज्ञान का तार्किक स्मरण करते हुए भाषा, रचनात्मक लेखन व पत्रकारिता के महत्त्व पर व्यापक चर्चा की।उन्होंने मौलाना आज़ाद के जीवन एवं शिक्षा विशेष रूप से महिला शिक्षा,साम्प्रदायिक सौहार्द तथा देश की अखंडता रूपी रत्न से सुशोभित करने के उनके सकारात्मक प्रयत्न पर विधिवत प्रकाश डाला। महाविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ सलमान खान ने मौलाना आज़ाद के द्वारा देश की स्वतंत्रता तथा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों, स्थापित किए गए संस्थाओं एवं संस्थानों की सकारात्मकता का उल्लेख करते हुए उनके बहुआयामी व्यक्तित्त्व की चर्चा की।एवं डॉ आमिर हुसैन सिद्दीक़ी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया । महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर नसीम खान ने कहा कि मौलाना आज़ाद ने आधुनिक शिक्षा पर बहुत बल दिया।उन्होंने मौलाना आज़ाद के बहुआयामी व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए तत्कालीन समस्याओं से निपटने के उनके तरीकों पर विधिवत चर्चा की।इसके साथ-साथ विद्या ब्रिज की डॉ सुनिधि सिंह चौहान ने उपस्थित छात्र-छात्रों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बहुत से ऑनलाइन कोर्सेज़ की विधिवत जानकारी दी जिसके द्वारा उनको रोज़गार के बेहतर अवसर व व्यक्तित्व विकास करने में बहुत अधिक सहायता प्राप्त होगी। इस संबंध में प्राचार्य प्रोफेसर नसीम अहमद खान ने प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में की गयी महत्त्वपूर्ण और आवश्यक पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए छात्र-छात्रों को ज्ञान एवं हुनर को एक साथ उपयोग करने का महत्व समझाया । इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त शैक्षणिक-ग़ैर शैक्षणिक स्टाफ़ तथा अधिक संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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