Breaking News

किसी सिफारिश से नहीं मिलता नैक का उच्चतम ग्रेड-राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल से मिलकर नैक में ‘ए प्लस प्लस‘ ग्रेड प्राप्त छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की नैक टीम ने साझा किए अनुभव और उपलब्धि की खुशियां
विश्वविद्यालय को तीन मानकों पर हासिल हुए पूर्णांक
——
अपने कार्य और दायित्व यथावत जारी रखें, नए सदस्यों को भी सिखाएं
——
सफलता एक सुदृढ़ टीम से प्राप्त होती है
——
विश्वविद्यालय का विकास विद्यार्थी को केन्द्र में रखकर ही होता है
——
विश्वविद्यालय की नैक टीम के सदस्य अपने कार्यों, समस्याओं और अनुभवों पर एक बुकलेट बनाएं
——
राज्यपाल जी के दिशा-निर्देश, कार्यशालाओं और समीक्षाओं ने विश्वविद्यालय की उपलब्धि का मार्ग प्रशस्त किया-कुलपति, प्रो0 विनय कुमार पाठक
——

प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में नैक मूल्यांकन में उच्चतम ‘ए प्लस प्लस‘ ग्रेड प्राप्त छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की नैक टीम के सदस्यों ने मिलकर उपलब्धि की खुशियों को साझा किया।
राज्यपाल जी ने टीम के प्रत्येक सदस्य से नैक हेतु उत्तरदायित्व, योगदान, तैयारियों के दौरान बढ़े हुए कार्यभार से पारिवारिक दायित्वों मंे आयी समस्याओं के साथ-साथ इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय एवं पारिवारिक दृष्टिकोणों में आए परिवर्तनों की जानकारी ली। उत्साह और उपलब्धि गौरव से अभिभूत टीम के सदस्यों ने घरेलू कर्मचारियों से लेकर दूर-दराज गाँवों के रिश्तेदारों तक नैक की जानकारी का प्रसार हो जाने के अनुभव तक राज्यपाल जी से साझा किए। इस दौरान टीम के सदस्यों ने विशेष रूप से बताया कि बेहद कठिन परिश्रम के बाद ही ये ग्रेड हासिल हो सका है। किसी की सिफारिश से ये ग्रेड नहीं मिलता। पियर टीम ने कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और कार्यों का सत्यापन किया। टीम के सदस्यों ने चर्चाओं में बताया कि प्रायः 9ः00 बजे से रात के 12ः00 बजे तक कार्य होता रहता था, कभी-कभी पूरी रात बैठकर इसके कार्यों को पूरा करना पड़ा, क्यूंकि नैक तैयारियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को पढ़ाने, एडमिशन का कार्य, परीक्षाओं और परीक्षा परिणामों को घोषित करने का कार्य भी साथ-साथ में जारी रखना प्राथमिकता थी। सदस्यों ने कई भावुक करने वाले प्रसंग भी साझा किए, जिसमें परिवार में बेटी की मृत्यु का दुःखद प्रकरण, पिता को कैंसर जैसी घातक बीमारी का प्रकरण भी साझा हुआ। नैक की टीम मे होने के कारण शादी जैसे जीवन के महत्वपूर्ण आयोजन को भी आगे बढ़ाने का प्रसंग साझा हुआ। टीम के सदस्यों ने लगभग 08 माह से कोई छुट्टी नहीं ली। उन्होंने बताया कि पूरी टीम ने, विश्वविद्यालय के छोटे से छोटे कर्मचारी ने इसमें योगदान दिया, तब जाकर इस अभूतपूर्व सफलता को वे प्राप्त कर सके। कमेटी के सदस्यों ने इस उपलब्धि के लिए राजभवन से प्राप्त दिशा-निर्देशों तथा कुलपति द्वारा सभी क्राइटेरिया पर मानकों को पूर्ण करने की प्रेरणा को श्रेय दिया।


उल्लेखनीय है कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर ने नैक ग्रेडिंग में सभी सातों क्राइटेरिया हेतु निर्धारित सी0जी0पी0ए0-4 में 3.57 हासिल करके उच्चतम ग्रेड ‘ए प्लस प्लस‘ प्राप्त किया है। इसमें विश्वविद्यालय को क्राइटेरिया-01, 04 एवं 07 में पूर्णांक हासिल हुए हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने टीम के सभी सदस्यों का उत्साहवर्द्धन करते हुए उन्हें अपने कार्य और दायित्व यथावत, जारी रखने को कहा। उन्होंने टीम में नए सदस्यों को भी कार्यों में दक्ष बनाने को प्रेरित किया, जिससे पुराने सदस्यों के सेवानिवृत्त होने या चले जाने पर भी कार्य प्रभावित न हों। राज्यपाल जी ने कहा कि सुदृढ़ टीम के साथ कार्य करने से सफलता प्राप्त होती है। विश्वविद्यालय का विकास विद्यार्थियों को केन्द्र में रखकर ही होता है।
क्राइटेरिया-07 में हासिल पूर्णांक पर चर्चा के दौरान विश्वविद्यालय टीम के सदस्यों ने गाँवों में अपनी वेस्ट प्रैक्टिस का विशेष उल्लेख किया। राज्यपाल जी ने इसी चर्चा में गुजरात में अपने सामाजिक कार्याेें के दौरान गांवों के अभावों पर कई भावुक कर देने वाले प्रसंग भी साझा किए और समाज कार्यों से दृढ़ता से जुड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी सामाजिक परिवर्तन विश्वविद्यालयों के माध्यम से ही हो सकता है। पढ़े-लिखे बच्चे वहीं से तैयार होते हैं। प्रगति के लिए विद्यार्थियों की मानसिकता में बदलाव जरूरी है। इससे ही आगे समाज में परिवर्तन आता है। उन्होंने कई ऐसे सुझावों का जिक्र भी किया, जिनको पारिवारिक स्तर से ही प्रारम्भ किया जाना जरूरी है। राज्यपाल जी ने बताया कि उन्होंने स्वयं अपने परिवार में ही बाल विवाह का विरोध किया और इससे परिणाम का सामना करके अपने विचार को स्थापित भी किया। उन्होंने कहा कि कार्यों के लिए विजन होना चाहिए।


नैक टीम के सदस्यों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि उपलब्धि के लिए किए गए कार्यों का व्यापक प्रभाव आगामी सालों में दिखाई पड़ता है। उन्होंने टीम के सदस्यों से उनके कार्य दायित्वों, कार्य सम्पादन की समस्याओं और अनुभवों पर एक बुकलेट बनाने को कहा। सदस्यों को इस पुस्तक को रोचकता के साथ लिखने के लिए प्रेरित किया, जिससे पाठक में जिज्ञासा बढ़े और उसे अंत तक अवश्य पढ़े।
इस अवसर पर विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने राज्यपाल के दिशा-निर्देशों, लक्ष्य प्राप्ति के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता और निरंतर उच्चतम ग्रेड के लिए प्रोत्साहन हेतु विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल जी के नेतृत्व में ही नैक के मूल्यांकन की समझ विकसित हुई, विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता का अनुसरण सम्भव हुआ। राजभवन में निरंतर बैठकों, नैक मंथन, शिक्षा मंथन जैसी कार्यशालाओं से सभी मानकों में सम्पूर्णता से गुणवत्ता का विकास हुआ। प्रत्येक बिंदु पर समग्रता से राज्यपाल जी के निर्देशों के अनुपालन से ही ये उपलब्धि प्राप्त हो सकी है।
राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय को अपने स्तर और गुणवत्ता बनाए रखने के साथ अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में भी प्रतिभाग करने को कहा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल, डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ0 पंकज जानी, विश्वविद्यालय के कुलपति और नैक टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी मौजूद थें।

About ATN-Editor

Check Also

मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना में 1 किलोवाट क्षमता वाले प्लांट पर वित्तीय सहायता मिलेगी -मंत्री राकेश सचान

योजना का उद्देश्य पावरलूम बुनकरों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है यूपीनेडा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *