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राजभवन में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशाखापत्तनम से योग समारोह का नेतृत्व करते हुए सामूहिक योगाभ्यास का सजीव प्रसारण

 

 

राज्यपाल की प्रेरणा से राजभवन में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ”एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम के अंतर्गत प्रशिक्षित योगाचार्यों के निर्देशन में भव्य सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन

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राज्यपाल ने स्वयं योग साधकों के साथ प्रतिभाग करते हुए योगासन, प्राणायाम तथा ध्यान का अभ्यास किया

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योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह जीवनशैली, आत्मिक अनुशासन और सामूहिक कल्याण का मार्ग है

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स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं, ये न केवल अपने परिवार और समुदाय के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं, बल्कि हर दृष्टि से लोकहित में कार्य करते हुए राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं

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हम सबका यह सामूहिक दायित्व है कि मिलकर देश को विकसित और सशक्त बनाएं

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योग हमारे ऋषि-मुनियों की अनुपम देन है, जिसकी महत्ता को आज वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं। योग के माध्यम से अनेक गंभीर रोगों से मुक्ति संभव

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गर्भ संस्कार की शुरुआत माता के गर्भ से ही होनी चाहिए। हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने इस बात को प्रमाणित किया है कि जन्मपूर्व संस्कार बच्चे के भविष्य के व्यक्तित्व, सोच और चरित्र निर्माण पर गहरा प्रभाव डालते हैं

-राज्यपाल, श्रीमती आनंदीबेन पटेल

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भारत की सनातन विद्या, परंपरा और विरासत को सम्पूर्ण विश्व ने सहर्ष स्वीकार किया है। योग अब केवल भारत की पहचान नहीं, बल्कि वैश्विक चेतना का हिस्सा बन चुका है

-मंत्री, डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’

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लखनऊ : 21 जून, 2025

 

प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से आज राजभवन, लखनऊ में 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ‘‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’’ थीम के अंतर्गत प्रशिक्षित योगाचार्यों के निर्देशन में भव्य सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर प्रातः 6 बजे से राजभवन के बड़े लॉन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने स्वयं योग साधकों के साथ प्रतिभाग किया और योगासन, प्राणायाम तथा ध्यान का अभ्यास किया। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह जीवनशैली, आत्मिक अनुशासन और सामूहिक कल्याण का मार्ग है।

उन्होंने सभी का राजभवन के प्रांगण में स्वागत करते हुए कहा कि राजभवन में दिनांक 1 जून से 20 जून 2025 तक प्रतिदिन प्रातः योगाभ्यास सत्र आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, नागरिकों, राजभवन के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं योग प्रेमियों ने नियमित रूप से भाग लेकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस योगाभ्यास सत्र से सभी प्रतिभागियों को शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक रूप से लाभ प्राप्त हुआ होगा। केंद्र सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी राज्यों को 10 बिंदुओं पर कार्य करने के निर्देश प्रदान किए गए थे। राजभवन, लखनऊ में आयोजित योग कार्यक्रम को उन्हीं बिंदुओं को आधार बनाकर योजनाबद्ध रूप से संपन्न किया गया है, जिससे योग के व्यापक प्रभाव को जनमानस तक पहुँचाया जा सके। सभी विश्वविद्यालयों में पर्यावरण और स्वास्थ्य समस्याओं जैसे समसामयिक विषयों पर भी गंभीरता से कार्य होना चाहिए।

राज्यपाल जी ने योग को नित्य जीवन चर्या का अभिन्न हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए कहा कि ‘‘जो कार्य आपने प्रारंभ किया है, उसे बंद न करें, इसे आदत बनाएं, जीवनशैली बनाएं और पूरे परिवार के साथ योग को अपनाएं। यह पुण्य का कार्य है।’’ योग हमारे ऋषि-मुनियों की अनुपम देन है, जिसकी महत्ता को आज वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं। योग के माध्यम से अनेक गंभीर रोगों से मुक्ति संभव है। उन्होंने कहा कि हमें अस्पतालों की नहीं, स्कूलों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है और यह तभी संभव है जब समाज स्वस्थ होगा।

उन्होंने बताया कि यह परिसर प्रातः 5 बजे से 8 बजे तक तथा सायं 5 बजे से 7 बजे तक आमजन के लिए खुला रहता है, जहाँ बच्चे खेलते हैं, नागरिक व्यायाम और योगाभ्यास करते हैं। उन्होंने कहा कि “यह राजभवन आपका है, इसका उपयोग करें, स्वस्थ रहें और समाज को भी प्रेरित करें।”

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने योग के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में सहयोग देने का संदेश देते हुए कहा कि “स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं। ऐसे नागरिक न केवल अपने परिवार और समुदाय के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं, बल्कि हर दृष्टि से लोकहित में कार्य करते हुए राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। हम सबका यह सामूहिक दायित्व है कि मिलकर देश को विकसित और सशक्त बनाएँ।”

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि योग और खेल दो ऐसे प्रभावशाली माध्यम हैं जो समाज को न केवल शारीरिक रूप से सशक्त, बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ और अनुशासित बनाते हैं। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी न केवल देश का नेतृत्व कर रहे हैं, बल्कि 140 करोड़ देशवासियों के स्वास्थ्य की चिंता भी उतनी ही संवेदनशीलता से कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने सभी नागरिकों से मोटापा कम करने तथा खाद्य तेल के प्रयोग में 10 प्रतिशत तक की कमी लाने का आह्वान किया है, ताकि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाया जा सके और देश में गंभीर बीमारियों की रोकथाम संभव हो सके।

उन्होंने बताया कि गुजरात में वर्ष 2003 में “खेलो गुजरात” अभियान की शुरुआत हुई थी, जो आज भी सक्रिय रूप से चल रहा है और जिसमें युवा, महिलाएँ, बुज़ुर्ग तथा बच्चे सभी उत्साह से भाग लेते हैं। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को समाज के हित में आवश्यक बताया और कहा कि “हमें इनसे जुड़ना चाहिए, सहयोग करना चाहिए और इन्हें आगे बढ़ाने का कार्य करना चाहिए।”

राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में गर्भ संस्कार की महत्ता पर विशेष बल देते हुए कहा कि “गर्भ संस्कार की शुरुआत माता के गर्भ से ही होनी चाहिए। हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने इस बात को प्रमाणित किया है कि जन्मपूर्व संस्कार बच्चे के भविष्य के व्यक्तित्व, सोच और चरित्र निर्माण पर गहरा प्रभाव डालते हैं। यह एक भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसे श्रद्धा और मन से किया जाना चाहिए।” आज के आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधानों ने भी इस तथ्य को सिद्ध किया है कि गर्भ काल के दौरान दिए गए संस्कारों का बच्चे के मस्तिष्क और भावनात्मक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारे पूर्वजों का ज्ञान और आज की विज्ञान दोनों ही गर्भ संस्कार को जीवन की मूल आधारशिला मानते हैं।

साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि हाल ही में राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का बीएमआई परीक्षण करवाया गया, जिससे सभी को प्रेरणा मिली और वे स्वयं को स्वस्थ रखने की दिशा में सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं। उन्होंने इसे स्वास्थ्य के प्रति सजगता का आवश्यक कदम बताया।

इस अवसर पर 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशाखापट्टनम से योग समारोह का नेतृत्व करते हुए सामूहिक योगाभ्यास का सजीव प्रसारण भी किया गया। राजभवन के सभी प्रतिभागियों, अधिकारियों, कर्मियों एवं योग साधकों ने प्रधानमंत्री जी के उद्बोधन को ध्यानपूर्वक सुना और उनकी प्रेरणादायक बातों से लाभान्वित हुए। प्रधानमंत्री जी ने “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” विषय पर आधारित इस वर्ष के योग दिवस के महत्व को रेखांकित किया तथा देशवासियों से योग को जीवन शैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम को पूरे देश में 3.5 लाख से अधिक स्थानों पर “योग संगम” के अंतर्गत एक साथ मनाया गया। उन्होंने कॉमन योगा प्रोटोकॉल के अंतर्गत लगभग 5 लाख प्रतिभागियों के साथ सामूहिक योग प्रदर्शन में भाग लिया। राजभवन में इस आयोजन का हिस्सा बनने वाले सभी लोगों ने प्रधानमंत्री जी के संदेश को स्वस्थ भारत, विकसित भारत की दिशा में एक प्रेरक ऊर्जा के रूप में ग्रहण किया।

इस अवसर पर आयुष एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने विशेष रूप से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भी बधाई दी और कहा कि “प्रधानमंत्री जी के निरंतर प्रयासों और प्रेरणा से आज भारत की सनातन विद्या, परंपरा और विरासत को सम्पूर्ण विश्व ने सहर्ष स्वीकार किया है। योग अब केवल भारत की पहचान नहीं, बल्कि वैश्विक चेतना का हिस्सा बन चुका है।” मंत्री जी ने योग को शरीर और आत्मा के मध्य सेतु बताते हुए कहा कि “योग केवल व्यायाम नहीं, आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है। यह शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने की प्रक्रिया है और इसी में मानव जीवन का संतुलन निहित है।” उन्होंने कहा कि योग और खेल ऐसी विधाएँ हैं, जिन्होंने पूरे संसार को आपस में जोड़ा है। इनका अभ्यास न केवल व्यक्ति को स्वस्थ बनाता है, बल्कि समाज में सद्भाव, शांति और सामूहिक ऊर्जा का भी संचार करता है।

इस अवसर पर कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, प्रमुख सचिव आयुश श्री रंजन कुमार, मण्डलायुक्त लखनऊ डॉ0 रोशन जैकब, महानिदेशक आयुश श्री मानवेन्द्र सिंह, राजभवन के अधिकारी व कर्मचारीगण, योगसाधक सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।

 

 

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