हिंदी दिवस के अवसर पर मुमताज़ पीव जीव कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो0 नसीम अहमद ख़ान की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम मे कॉलेज के अध्यापकगण एवं छात्र छात्राएं मौजूद थे । प्राचार्य प्रो0नसीम अहमद ख़ान ने कहा कि भारतीय संस्कार के संदर्भ में हिंदी भाषा के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता है । भाषाएं किसी धर्म या क्षेत्र से संबंधित नहीं होती हैं बल्कि उनका अपना एक सांस्कृतिक इतिहास होता है । हिंदी भाषा हमारी जीवन शैली और हमारे परिवेश का एक हिस्सा है । उन्होंने कहा कि हिंदी दिवस पर शपथ लें कि अपनी मातृभाषा एवं संस्कृति को सदैव प्रतिष्ठित करना है।
समाज शास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ0 लियाक़त अली ने स्पष्ट किया कि हिंदी के व्यवहार में किसी प्रकार के हीन भावना से ग्रस्त नहीं होना चाहिए।उन्होंने हिंदी के महत्त्व को रेखांकित करते हुए स्पष्ट किया कि हिंदी आज विश्वपटल पर स्थापित होती जा रही है।हिंदी भाषा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों विशेषकर मेडिकल व इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों का भी हिंदी में अनुवाद कराया जा रहा है।
हिंदी विभाग के सहायक प्रोफ़ेसर डॉ0 आल अहमद ने कहा कि किसी भी स्वतंत्र देश की अपनी एक भाषा होती है जिससे उसकी संस्कृति की पहचान होती है । जो भाषा जितनी आम होगी वह स्वयं और अपनी संस्कृति को स्थापित रख सकेगी ।हिंदी भाषा में देश को एकसूत्र में जोड़ने की शक्ति है।हिंदी भाषा सभी भाषाओं को अपने अंदर आसानी से समाहित कर लेती है । हिंदी भाषा को देश की राजभाषा का दर्जा प्राप्त है । इस भाषा को अपनाना गांधीजी के स्वदेशी आंदोलन का एक हिस्सा रहा है । नई शिक्षा नीति 2020 में भी हिंदी भाषा के उत्थान हेतु कई योजनाएं पटल पर रखी गई हैं ।इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक,शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।