Breaking News

लेफ्ट मेन कोरोनरी आर्टरी ९० प्रतिशत और अन्य तीनों आर्टरी ब्लॉक की सहारा हॉस्पिटल ने बचाई जान

६८ वर्षीय पुरुष मरीज पहले से हाई ब्लड प्रेशर और शुगर से ग्रसित थे और एक दिन अचानक उन्हें चेस्ट पेन की शिकायत हुई । आनन फानन में उसे चेस्ट पेन की वजह से सहारा हॉस्पिटल में कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. विशाल श्रीवास्तव के अंतर्गत भर्ती करवाया गया, जहाँ पर डॉक्टर की सलाह पर तुरंत मरीज का एंजियोग्राफी किया गया तो देखने पर पता चला कि लेफ्ट मेन कोरोनरी आर्टरी ९० प्रतिशत और अन्य तीनों आर्टरी ब्लॉक थी । इसे मेडिकल भाषा में लेफ्ट मेन और ट्रिपल वेसल कॉरोनरी आर्टरी डिजीज भी कहते है जिसके लिए मरीज को बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई । ऐसी गंभीर स्थिति में बाईपास सर्जरी करने के लिए जब ओ टी ले जाने की तैयारी में थे तभी वार्ड में अचानक मरीज को हार्ट अटैक आ गया । मरीज का बीपी कम हो गया था और ईकोकार्डियोग्राफी में मरीज की हार्ट पम्पिंग २० प्रतिशत ही रह गयी थी जिसे कार्डियोजैनिकशॉक कहते है । मरीज बेहोशी की अवस्था में था तो उन्हें वेंटिलेटर पर ले लिया गया और तुरंत बी पी बढ़ाने की दवाइयां शुरू कर दी गयी । फिर डॉक्टर विशाल श्रीवास्तव ने सहारा हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. धीरज सिंह को इमरजेंसी रेस्क्यू एंजियोप्लास्टी के लिए रेफेर किया क्योंकि इस अवस्था में मरीज का बाईपास ऑपरेशन करना संभव नहीं था । डॉ धीरज ने मरीज के रिश्तेदार से बात कर उनको परामर्श दिया कि मरीज का जीवन बचाने के लिए

अब एकमात्र रास्ता है कि मरीज की इमरजेंसी लेफ्ट मेन बाइफ़रकेशन एंजियोप्लास्टी की जाए जो कि चुनौतीपूर्ण है । मरीज के रिश्तेदारों ने सहमति दी तो डॉ धीरज सिंह ने मरीज को इंट्रा एरोटिक बलून पंप के साथ रेस्क्यू लेफ्ट मेन बाइफकेशन एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया जिसमें पूरी तरह से ब्लॉक लेफ्ट मेन आर्टरी और दोनों ब्रांच (एल ए डी) और (लेफ्ट सरकम्फलेक्स) में एक साथ चार स्टेंटिंग की गई ।

डॉ. धीरज सिंह ने अपने अनुभव व सूझबूझ से सफलतापूर्वक यह प्रक्रिया करी और अंततः मरीज को बचाना संभव हो पाया । मरीज के सफल ऑपरेशन के बाद अब वेंटिलेटर से बाहर आ चुका था । मरीज का ब्लड प्रेशर जो कम हो गया था और अब धीरे धीरे सामान्य होने लगा था और पम्पिंग की क्षमता २० प्रतिशत से बढ़कर लगभग ४५ प्रतिशत तक हो गयी थी और चार दिन बाद ही उसे डिस्चार्ज कर दिया गया और दो बार फॉलो अप में मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य था । सहारा हॉस्पिटल में इतनी गंभीर स्तिथि में आये मरीज को पूरी तरह से सफल इलाज़ मिला और उनके परिजन बेहद संतुष्ट थे।सहारा हॉस्पिटल के चिकत्स्कों की टीम का धन्यवाद दिया और मैनेजमेंट की भूरि भूरि प्रशंसा भी की। डॉ. धीरज ने अपने अनुभव व सूझबूझ से सफलतापूर्वक यह प्रक्रिया करी और अंततः मरीज को बचाना संभव हो पाया । मरीज के सफल ऑपरेशन के बाद अब वेंटिलेटर से बाहर आ चुका था । मरीज का ब्लड प्रेशर जो कम हो गया था और अब धीरे धीरे सामान्य होने लगा था और पम्पिंग की क्षमता २० प्रतिशत से बढ़कर लगभग ४५ प्रतिशत तक हो गयी थी और चार दिन बाद ही उसे डिस्चार्ज कर दिया गया और दो बार फॉलो अप में मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य था । सहारा हॉस्पिटल में इतनी गंभीर स्थिति में में आये मरीज को पूरी तरह से सफल इलाज़ मिला और उनके परिजन बेहद संतुष्ट थे।सहारा हॉस्पिटल के चिकत्स्कों की टीम का धन्यवाद दिया और मैनेजमेंट की भूरी भूरी प्रशंसा भी की। सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार श्री अनिल विक्रम सिंह जी ने बताया कि सहारा हॉस्पिटल का कार्डियोलॉजी विभाग अत्यंत अत्याधुनिक उपकरणों व अति कुशल चिकित्सको की टीम सहित एक ही छत के नीचे उपलब्ध है, जहां गंभीर से गंभीर रोगो से परेशान मरीजों को त्वरित इलाज़ मिलता है । श्री अनिल विक्रम सिंह जी ने बताया कि हमारे माननीय अभिभावक सहाराश्री जी की प्रेरणा से और उनके विजन से निर्मित हास्पिटल में नित जटिल सर्जरी कर डाक्टरों की टीम सहारा हॉस्पिटल में मरीजों को लाभान्वित कर रही है। श्री सिंह ने कहा कि हम उन्हीं की सोच पर चलते हुए अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते हुए हॉस्पिटल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तरफ अग्रसर है। चिकित्सकों की टीम 24 घंटे निरंतर तत्पर रहते हुए अपनी सेवाएं दे रही हैं। सहारा हॉस्पिटल का कार्डियोलॉजी विभाग कई जटिल सर्जरी करके नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है व मरीजों की जान बचा रहा है ।

About ATN-Editor

Check Also

Recurrent Pregnancy Loss (Isqaat-e-Mutad)”.

*Departmental Seminar Report * A departmental seminar was conducted today, 17th May 2025, in the …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *