रेशम उद्योग को मिलेगी नई दिशाः मंत्री राकेश सचान ने दिए प्रशिक्षण संस्थान और बजट बढ़ाने के निर्देश
वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री रेशम परियोजना में अधिक से अधिक बजट प्रावधान कराने के लिए वित्त विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर दिया । यें बातें प्रदेश की पहली सिल्क टेसिं्टग लैब प्रादेशिक को-ऑपरेटिव सेरीकल्चर फेडरेशन लि० के उदघाटन करते हुए प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने लखनऊ स्थित रेशम निदेशालय में कही।
मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में आवंटित बजट का समयबद्ध और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, साथ ही मंत्री ने कहा कि लखनऊ में एक रेशम प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा, जो प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इसके लिए वर्ष 2025-26 के बजट में प्रावधान किया जाएगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बी.एल. मीणा ने बताया कि लखनऊ में स्थापित सिल्क टेसिं्टग लैब प्रदेश की पहली ऐसी लैब है, जहां शुद्ध सिल्क और सिंथेटिक सिल्क में अंतर की जांच की जा सकती है। इससे रेशम व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, प्रादेशिक को-ऑपरेटिव सेरीकल्चर फेडरेशन को सक्रिय करने और नई समितियों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू की गई है, जिससे उद्योग को मजबूती मिलेगी।