—ये चुनौती सिर्फ़ मुसलमानों को नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री और पूरे भारत को है
—इस घटना की हो समयबद्ध उच्चस्तरीय न्यायिक जांच
लखनऊ, 13 अगस्त। पसमांद मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी में कहा कि फतेहपुर की दुष्साहसिक घटना ने देश भर में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। अनीस मंसूरी ने इस घटना को लोकतंत्र पर सीधी चोट बताते हुए कहा कि इस घटना के वीडियो में नज़र आने वाले बेरोज़गार व्यक्ति मजार पर चढ़कर, अपनी जांघों और बाज़ुओं पर हाथ मारते हुए जिस अंदाज़ में चुनौती दे रहे हैं वह महज़ मुसलमानों को नहीं, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, संविधान, न्यायपालिका, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, पुलिस प्रशासन और देश के सभी सेक्युलर एवं देशभक्त हिन्दुओं को खुली ललकार है।
श्री मंसूरी ने कहा, “यह सिर्फ़ धार्मिक स्थलों की बेअदबी नहीं, बल्कि पूरे मुल्क की लोकतांत्रिक नींव को हिलाने की कोशिश है। अगर इस पर तुरंत और सख़्त कार्रवाई नहीं हुई तो ये समझा जाएगा कि सरकार और प्रशासन ख़ामोश रहकर इसे बढ़ावा दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जब किसी मज़दूर या ग़रीब पर मामूली आरोप भी लगता है, तो पुलिस बिना देर किए उसे गिरफ्तार कर लेती है और उनके घरों पर बुल्डोजर चलता है, लेकिन यहां क़ब्र पर चढ़कर देश के शीर्ष संवैधानिक पदों को ललकारने वाले व्यक्ति अब तक खुलेआम घूम रहें हैं। “ये चुप्पी बताती है कि या तो सरकार की मंशा साफ़ नहीं है, या फिर नफ़रत फैलाने वालों को राजनीतिक संरक्षण हासिल है।”
श्री मंसूरी ने मांग की कि इस घटना की समयबद्ध उच्चस्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए और इस घटना में शामिल व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ देशद्रोह और धार्मिक उकसावे की धाराओं में मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो पसमांदा मुस्लिम समाज देशव्यापी आंदोलन की रणनीति बनाने पर मजबूर होगा।