संयुक्त वक्तव्य
पूजा श्रीवास्तव
प्रत्येक क्षेत्राधिकार के सामने आने वाली वर्तमान चुनौतियों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधों के उल्लंघन और आतंकवादी वित्तपोषण से बेहतर तरीके से निपटने हेतु सहयोग और सूचना साझा करने के अवसरों पर हम संजय मल्होत्रा, राजस्व सचिव, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, और संयुक्त राज्य अमेरिकी के आतंकवाद एवं वित्तीय खुफिया से संबंधित ट्रेजरी अवर सचिव ब्रायन नेल्सन ने भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका धन शोधन विरोधी/ आतंकवाद के वित्त पोषण का मुकाबला (एएमएल/सीएफटी) संबंधी वार्ता को फिर से आहूत किया और उसकी सह-अध्यक्षता की।
हम सह-अध्यक्षों ने भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका एएमएल/सीएफटी वार्ता को फिर से आहूत किया क्योंकि यह भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए दोनों देशों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणालियों में मौजूद अवैध वित्तीय जोखिम से निपटने हेतु दोनों देशों के सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने के तरीके से संबंधित दृष्टिकोण और सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणालियों को साझा करने का एक प्रभावी मंच है।
फोरम सत्रों में, हमारे प्रतिभागियों ने अवैध वित्तीय जोखिमों को कम करते हुए जिम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देने हेतु दोनों पक्षों के फोकस क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए, आभासी परिसंपत्तियों और आभासी परिसंपत्ति सेवा प्रदाताओं के साथ प्रत्येक देश के अनुभव पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने नियामक मध्यस्थता से जुड़े मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की सिफारिशों के अनुरूप, आभासी परिसंपत्तियों के लिए एएमएल/सीएफटी मानकों के वैश्विक कार्यान्वयन में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार किया।
प्रतिभागियों ने लाभकारी स्वामित्व में पारदर्शिता बढ़ाने के प्रत्येक देश के प्रयासों पर चर्चा की, जिसमें लाभकारी स्वामित्व रजिस्ट्रियों का कार्यान्वयन, डेटा गुणवत्ता में सुधार के लिए उपकरण और जानकारी का सत्यापन शामिल है। यह धन शोधन और अन्य वित्तीय अपराधों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह अधिकारियों को धन के प्रवाह पर नजर रखने और उन लोगों की पहचान करने की अनुमति देता है जो अंततः उन अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं।
हमारे प्रतिनिधिमंडलों ने एएमएल/सीएफटी में उन विभिन्न क्षेत्रों की पहचान की जहां भारत और राज्य अमेरिका संयुक्त रूप से मिलकर काम कर सकते हैं और अनुभव एवं सर्वाेत्तम कार्यप्रणालियों को साझा कर सकते हैं। विशेष रूप से, हम इस सप्ताह की सार्थक चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए अगले वर्ष फिर से वार्ता बुलाने पर सहमत हुए। हम इस बात पर भी सहमत हुए कि अगले साल की बातचीत से पहले, तकनीकी स्तर पर चल रही चर्चाएं हमारी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और सहयोग के लिए अतिरिक्त क्षेत्रों की पहचान करने के लिए जारी रहेंगी। अंत में, हम एफएटीएफ के भीतर एक साथ काम करने सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से समन्वय और सहयोग बढ़ाने के अवसरों को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए।
भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका एएमएल/सीएफटी वार्ता का फिर से आहूत किया जाना और उसकी सह-अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में मौजूद अवैध वित्तीय जोखिम से निपटने हेतु साथ मिलकर काम करने की भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।”
वित्त मंत्रालय ने नई दिल्ली में इस वार्ता की मेजबानी की।