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बच्चों और आम नागरिकों में पोषण के संदर्भ में श्री अन्न की उपयोगिता विषय पर कार्यशाला

 

कृकृष्णा देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, लखनऊ में सहयोगात्मक विकास एवं लक्ष्य प्राप्ति तथा आरोग्यम भोजनाधीनम पोषण के संदर्भ में श्री अन्न की उपयोगिताश् विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए विशिष्ट वक्ता रीना त्रिपाठी, शिक्षिका, समाजसेविका, महामंत्री, भारत नागरिक परिषद ने श्री अन्न की उपयोगिता पर बृहद चर्चा की।अपने संबोधन में उन्होंने कहा की भारत मोटे अनाजों यानि कि मिलेट्स का हब है। ।
श्री अन्न के अंतर्गत मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू के दानों आदि को शामिल किया जाता है।मोटे अनाजों को भोजन मेंज्यादा से ज्यादा शामिल करने ,पोषक तत्वों की कमी से होने वाली बीमारियों एवं ग्लूटेन प्रोटीन की महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ रीना द्वारा नशा मुक्ति पर भी विचार व्यक्त किए गए तथा बेटियों को पढ़ लिख कर स्वावलंबी बनने व नशा मुक्ति जीवनसाथी चुनने का सुझाव दिया।
डॉ नीता खन्ना, समाजसेविका, नरेंद्र मोदी विचार मंच (राष्ट्रीय सचिव) ने भी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित होकर छात्राओं को श्री अन्न खाने के फायदे बताएं एवं पर्यावरण की स्वच्छता, दहेज प्रथा निरोध एवं जीवन में विकल्प खुला रखकर अवसाद मुक्त जीवन जीने की कला सिखाई। उन्होंने अपने पिताजी की लिखी हुई किताबों के संग्रह बच्चों को पढ़ाने हेतु लाइब्रेरी को दान किया।

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सारिका दुबे ने एकदिवसीय कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की स्वस्थ तन में स्वस्थ मन एवं स्वस्थ मन में स्वस्थ विचार रहता है जिससे आत्म विकास होता है फलतरू समाज विकास होता है और अंततः राष्ट्र का विकास होता है। अपने उद्बोधन में उन्होंने यह भी समझाया कि कैसे श्री अन्न का उपयोग करके कीटनाशकों से बचा जा सकता है तथा सब्सिडी के रूप में खर्च होने वाले व्यय की बचत की जा सकती है। महाविद्यालय की छात्राओं ने कार्यशाला में उत्साह पूर्वक सहभागिता की।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सलोनी,डॉक्टर सत्या शुक्ला एवं डॉ अमिता यादव द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

 

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