वंचित बाल्मीकि समाज का उपमुख्यमंत्री सत्ता में मिले सम्मान जनक भागेदारी / रविशंकर हवेलकर
वंचित समाज लोक कल्याण महारामिति (राष्ट्रीय संगठन द्वारा राष्ट्रीय सामाजिक भागेदारी महासम्मेलन में कानपुर नगर के सांसद रमेश अवस्नाथी ई गेस्ट हाउस जनपद कानपुर नगर उ०प्र० में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारम्न दीपप्रज्वलित एवं महापुरुषों के चित्र पर माल्यापर्ण उदधाटनकर्ता मुख्यअतिथि प्रकाश पाल क्षेत्रीय अध्यक्ष कानपुर बुन्देल खण्ड क्षेत्र भाजपा द्वारा किया गया मुख्य अतिथि रमेश अवस्थी सासद लोकसभा एवं अतिविशिष्ट अतिथि एवं मुख्य अभिवक्ता डा० लाल जी प्रसाद निर्मल सदस्य विधान परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष अम्बेडकर महासमा पूर्व मन्त्री सहित कार्यक्रम को सलिल विश्नोई. अरुण पाठक सदस्य विधान परिषद, सुरेन्द्र नैथानी, सुरेश अवस्थी पूर्व प्रत्याशी सीसामऊ विधान सभा, अनिल दीक्षित जी जिलाध्यक्ष भाजपा आदि की उपस्थित में इस ऐतिहासिक अतिमहत्वपूर्ण आयोजन में देश प्रदेश से वंचित वर्गा के राष्ट्रीय व प्रदेश के सामाजिक प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया है।
संविधान की परिकल्पना एवं वंचित वर्गो को दशा एवं दिशा तथा उनके सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक प्रगति को समीक्षा की गयी। केन्द्र एवं उ०प्र०सरकार मे वंचित वर्ग बाल्मीकि, बसोर, धरकार, बशंकार, बरार आदि जातियों को शून्य प्रतिशत हिस्सेदारी पर चिन्ता व्यक्त की गयी। महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एव कार्यक्रम आयोजक रविशंकर हवेलकर द्वारा सर्वसम्मति से पारित किये गये प्रस्ताव में निम्नलिखित मांगें बिन्दुओं पर पुरजोर तरीके से सरकार से निराकरण कराये जाने पर जोर दिया गया। उ०प्र० में अनुमानित 3 प्रतिशत की आबादी के अनुपात में बाल्मीकि समाज का एक मात्र विधायक व सांसद है। उ०प्र० राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का अति शीघ्र गठन, सफाई कर्मचारियों की सीधी भर्ती, ठेकेदारी आउट सोर्सिंग कर्मियों का वेतन लगभग 25000 किये जाने, समाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करना, सफाई कर्मियों को मालिकाना हक, गुरू कोकुलदास महाराज के समाधी स्थल ग्राम-जैतपुर बेलताल जिला महोबा उ०प्र० की जीवोद्धार सहित बाल्मीकि जयन्ती पर अवकाश, केन्द्र एवं राज्य सरकार बाल्मीकि, बसोर धानुक, बरार, धरकार, जातियों को मुख्यधारा में लाने हेतु इनके अनुपात में विधायक एम०एल०सी०, सांसद, लोक सभा राज्य सभा तथा रिक्त पड़े आयोग निगम, गम, बोर्ड के अध्यक्ष / उपाध्यक्ष, मंत्री दर्जा राज्य मंत्री के रूप में सामाजिक प्रतिनिधित्व भागीदारी सुनिश्चित की जाये। क्योंकि विकास के इस सोपान से यह वर्ग पूरी तरह वंचित है