दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल में राष्ट्रीय ध्वज पेन्टिंग और आजादी किविज मुकाबला हुआ
लखनऊ, 13 अगस्त।
देश को विदेशियों के कब्जे से आजाद कराने में मुजाहिदीन-ए-आजादी की कुर्बानियाँ को भुलाया नही जा सकता। हमें चाहिए कि उन्हें याद रखें। आज यह मुकाबला उनको याद करने की कोशिश है। देश की आजादी की हिफाजत नौजवानों की जिम्मेदारी है। यें बातें राष्ट्रीय ध्वज पेन्टिंग और जंग-ए-आजादी किविज मुकाबले को प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया लखनऊ में कही।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रोग्रामों का उद्देश्य नई पीढ़ी और विद्यार्थियों को अपने बुजुर्गो के कार्यनामों से अवगत कराना है।
मौलाना ने कहा कि मदरसों ने स्वतन्त्रता की लड़ाई में अहम् रोल अदा किया। अंग्रेजो ने जब ‘‘लड़ाओ और हुकूमत करो’’ की रणनीति अपनाते हुए हिन्दू मुस्लिम को आपस में लड़ाने की नापाक कोशिश की तो उलमा-ए-फरंगी महल ने हिन्दू मुस्लिम एकता का नारा दिया और महात्मा गॉधी ने फरंगी महल आकर अंगेजो से देश को आजादी दिलाने के लिए योजनायें बनायीं।
इन मुकाबलों में दारूल उलूम के विद्यार्थियों ने बडे़ जोश के साथ हिस्सा लिया। उन्होने जंग-ए-आजादी से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर बड़े अच्छे अंदाज में दिये।
राष्ट्रीय ध्वज पेन्टिंग मुकाबले में सीनियर ग्रुप से पहला पुरस्कार मो0 जुलकरनैन, दूसरा पुरस्कार मो0 इस्माईल, तीसरा पुरस्कार मो0 हसनैन और चौथा पुरस्कार अनस मतीन और जूनियर ग्रुप में पहला पुरस्कार मो0 अहमद, दूसरा पुरस्कार मो0 इलयास, तीसरा पुरस्कार मो0 अयान और चौथा पुरस्कार रिदा फातिमा को प्राप्त हुआ।
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