लखनऊ। सहारा हास्पिटल, गोमतीनगर स्थित में विश्व हेड एंड नेक कैंसर सर्वाइवर दिवस पर निशुल्क कैंसर स्क्रीनिंग कैम्प में बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे तो दूसरी तरफ कैंसर को मात दे चुके मरीजों ने प्रेरणादायक कहानी भी बयां की।
कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर सहारा इंडिया परिवार के सीनियर एडवाइजर अनिल विक्रम सिंह ने कहा कि हमारे अभिभावक सहाराश्री जी का विजन रहा है कि हर किसी को प्राण की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय करने चाहिए। इसी कड़ी में सहारा हास्पिटल को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया गया है और बीमारी की जानकारी शुरुआती चरण में हो जाए, इसलिए निरूशुल्क चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। श्री सिंह ने कैंसर के मरीजों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि रोग कितना भी गंभीर हो मरीज को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, क्योंकि रोग से मुकाबला करने के लिए बेहतर उपचार के साथ ही मरीज का मनोबल भी काफी मायने रखता है। खासबात यह है कि मरीजों को शिविर में न केवल मुफ्त परामर्श मिला अपितु बायोप्सी जांच पर भी छूट दी गई।
हास्पिटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. शशांक चौधरी, मेडिकल आंकोलॉजिस्ट डा. मो. सुहेल और ईएनटी हेड एंड नेक सर्जन डा. मनोज मिश्रा ने कैंसर से बचाव और उपचार पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉक्टर शशांक चौधरी व डॉक्टर मोहम्मद सुहेल ने संयुक्त रूप से बताया कि अगर वजन अचानक कम हो, निगलने में कठिनाई, मुंह का लार, अंडकोष में गांठ, लार में रक्त, तिल और त्वचा में बदलाव, मुंह में घाव, शरीर में गांठ, पीलिया, ब्लैडर कैंसर, बच्चेदानी में गांठ और गाढ़ा पानी आना आदि समस्या होने पर कैंसर रोग विशेषज्ञ डाक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिए। कैंसर, विश्व स्तर पर बढ़ती सबसे जानलेवा समस्याओं में से एक है, जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। अगर शोधकर्ताओं की माने तो कैंसर के कारण होने वाली मृत्युदर को कम किया जा सकता है, अगर समय रहते लोगों में इस समस्या का सही निदान और इलाज हो जाए। विभिन्न प्रकार के कैंसर का अगर शुरु आती चरणों में ही पता चल जाए तो रोगी की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि आप लक्षणों को पहचानें और समय रहते इसकी जांच कराएं।
कैंसर का चौथा स्टेज सबसे खतरनाक माना जाता है। इस स्टेज तक आते-आते कई मरीजों की मौत तक हो जाती है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इस स्टेज में आकर भी मरीज का सही इलाज हो सकता है।
कैंसर ओपीडी के संबंध में अधिक जानकारी के लिए हेल्प लाइन नम्बर 0522 6780001/0002 पर सम्पर्क कर सकते हैं।