लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष राम मूरत यादव की अध्यक्षता में बैठक की शुरुआत ईश वंदना से हुई ।
बैठक का एजेण्डा / विषय बताते हुए प्रदेश महामंत्री विनोद कश्यप ने कहा कि सामान्य रूप से ऑनलाइन किए जा रहे विरासतों के आवेदन में संलग्नक लगने का कोई ऑप्शन नहीं है, आवेदन में मृत्यु की तिथि अंकित होना अनिवार्य है किन्तु उनके संलग्नक न होने के कारण मृत्यु की तिथि की बिना आधार के पुष्टि करनी पड़ती है,जिसके भविष्य मे काफी दुष्प्रभाव होंगे,कोर्ट केस में उनका दुरुपयोग किया जा सकता है लेखपाल के पोर्टल पर विरासत के सम्बंध में असहमति की स्थिति में कारण अंकित किए जाने का ऑप्शन है, किंतु राजस्व निरीक्षक के पोर्टल पर लिखने का कोई ऑप्शन नहीं है बल्कि उनको सिर्फ फोर ड्राप एण्ड डाउन का अपशन मिले हैं,जिसमें डबल आवेदन किया गया
वाद विचाराधीन है तो उसका विवरण 3 खतौनी में नाम नहीं 4 खतौनी में नाम पढ़ने योग्य नहीं है सिर्फ इतने ही ऑप्शन के कारण विरासत न होने का मूल कारण राजस्व निरीक्षक की तमचवतज में नहीं आ पाता है और राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट ही आवेदकों को दिखती है,लेखपाल की रिपोर्ट नहीं दिखती स जिससे लेखपाल को गलत कारण दिखाकर विरासत खारिज करने का आरोप लगता है स परिषद स्तर पर इसको भी कई बार उठाया गया किन्तु कोई सुधार नहीं हुआ स लेखपाल के पास कई क्षेत्रों का कार्यभार है, जांच समय बढाने का भी अनुरोध किया गया उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी स विरासत होने के बाद खतौनी में अंकन लंबे समय तक नहीं हो पाता है सविवादित या तस्दीक न हो पाने के प्रकरण राजस्व न्यायालयों में अंकित नहीं हो पा रहे हैंस इससे लेखपाल के प्रयास के बाबजूद विरासत के मामले निस्तारित नहीं हो पा रहे हैं स
स्वामित्व योजना( घरौनी), खसरा पडताल, रीयल टाइम खतौनी, अंश निर्धारण, विरासत अभियान, कब्जा हटाओ अभियान, स्वामित्व योजना आदि जैसी योजनाओं का समयब्द्ध क्रियान्वयन किया जा रहा है,ऐसे में एग्री स्टैक / ई पडताल योजना का कार्यक्रम वर्तमान में कार्यों की अधिकता को देखते हुए किया जाना सम्भव नहीं है। उक्त के सम्बंध में प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा अनेकों पत्रो के माध्यम से शासन और परिषद प्रदेश को लगातार अवगत कराया जाता रहा किंतु निराकरण नहीं किये जाने के कारण लेखपाल अपने को ठगा महसूस कर रहे है।
लखनऊ मंडल में लेखपालों के अन्य जनपदों में स्थानांतरण पर भी रोष प्रकट किया और भविष्य में इस पर रोक के प्रभावी प्रयास पर भी विचार विमर्श किया गया
समस्त जनपदों से आए जिलाध्यक्ष जिलामंत्री एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा कार्याे की अधिकता,अधिकारियो के प्रतिदिन दिया जा रहे अव्यावहारिक आदेशों/निर्देशों के कारण जनपदों में आ रही समस्याओं को सदन में रखा। किसान सम्मान निधि, का कार्य चल रहा है। इन योजनाओं के संचालन में शासनादेशो में अन्य विभागो का कार्य विभाजन के बावजूद सहयोग न मिलना, ऐग्री एप्लीकेशन का ढंग से काम न करना आदि समस्याओं पर प्रकाश डाला गया।
अन्त में बैठक को सम्बोधित करते हुए उ प्र लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम मूरत यादव द्वारा बताया गया कि कृषि विभाग की एग्री स्टैक योजना का क्रियान्वयन लेखपालों की भारी कमी के कारण किया जाना सम्भव नहीं है। वर्तमान में प्रदेश में आधे से अधिक लेखपालों के पद रिक्त हैं, जिसके कारण एक – एक लेखपाल पर दो से तीन लेखपाल क्षेत्रों का कार्य बोझ है। इसी बीच खसरे की पडताल और रीयल टाइम खतौनी बनाने का काम चल रहा है। पंचायत विभाग की स्वामित्व योजना का काम भी अकेले लेखपाल करने को बाध्य है।
सरकार द्वारा दिए गये मोबाइल फोन की वैलिडिटी समाप्त हो चुकी है। कोई मोबाइल वर्तमान में कार्य नहीं कर रहा है। इसलिए प्रदेश के समस्त लेखपालों द्वारा उक्त मोबाइल को वापस तहसीलदार कार्यालयों में जमा करवा दिए गये हैं। चकबंदी विभाग के लेखपालों को राजस्व विभाग में चोर दरवाजे से विलय करने के प्रयास का पुरजोर विरोध किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा उ प्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के मा अध्यक्ष जी अनुरोध किया गया कि 8085 लेखपालों की भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र सम्पन्न कराया जाए। उ प्र के विभिन्न जनपदों में कार्यरत 2016 बैच के लेखपालों के अन्तर्मण्डलीय स्थानान्तरण को गम्भीर मुद्दा बताते हुए शीघ्र ही इस पर कार्यवाही कराने का प्रयास किया जाएगा, अन्यथा कि स्थिति में कडा कदम भी उठाया जाएगा। सरकारी कार्य करने के कारण धारा १५६ (३) के अन्तर्गत लेखपालों पर मुकदमे किए जा रहे हैं, इस सम्बन्ध में राजस्व परिषद में कई बार बात रखी गयी । मा परिषद द्वारा जिलाधिकारियो का पत्र भी लिखा गया , इसके उपरांत भी इस पर रोक नहीं लग रही है। पुनः शासन को इस सम्बन्ध में अवगत कराया जाएगा। प्रदेश के लगभग 1200 से अधिक लेखपालों के राजस्व निरीक्षक पदों पर प्रोन्नत होने पर सबको बधाई देते हुए प्रदेश से आए सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष( पश्चिम जोन) सुदेश कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष (पूर्वी जोन) राम पूजन राम, प्रदेश उपाध्यक्ष (मध्य जोन ) भूपेन्द्र सिंह, संगठन मंत्री (पूर्वी जोन) धनन्जय श्रीवास्तव, संगठन मंत्री (मध्य जोन) मनोज त्रिपाठी, संगठन मंत्री (पश्चिम जोन) नीरज राठौर, कोषाध्यक्ष शमशेर सिंह, व प्रदेश आडीटर मनीष पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी ओमकार नाथ तिवारी, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी नितिन चतुर्वेदी व प्रदेश के समस्त मण्डलों के खण्ड मंत्री ने भी सभा को सम्बोधित करते हुए समस्याओं और समाधान पर प्रकाश डाला।