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1355करोड़ रुपये की फर्जी आपूर्ति में शामिल 131फर्जी फर्मों का सीजीएसटी लखनऊ ने किया भंडाफोड़

197.20 करोड़ रुपये के अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट का किया गोलमाल

पूजा श्रीवास्तव

इनपुट टैक्स क्रेडिट का गोलमाल करने के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश केंद्रीय वस्तुएं एवं सेवा कर जीएसटी आयुक्त कार्यालय लखनऊ ने एक 1355 करोड़ों की फर्जी आपूर्ति में शामिल 131 फर्जी फर्माें का भंडाफोड़ किया जिन्होंने 197.20 करोड़ रुपये का फर्जी इनपुट क्रेडिट टैक्स ले लिया है। यें फर्माें लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, शाहजहाँपुर, सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, गोंडा, बलरामपुर, बहराईच और श्रावस्ती जिलों में हैं । यें जानकारियां यें जानकारियां ससीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्तालय लखनऊ के आयुक्त दीपांकरन एरन ने जारी एक बयान में दी।

आयुक्त दीपांकरन एरन ने बतया कि धोखाधड़ी से जीएसटी लाभ प्राप्त करने के लिए फर्जी फर्मों के निर्माण में लगे देश भर में सक्रिय सिंडिकेट को खत्म करने के लिए विशेष अखिल भारतीय अभियान के एक हिस्से के रूप में, सीजीएसटी लखनऊ ने मई, जून और जुलाई, 2023 के महीनों के दौरान एक व्यापक अभियान चलाया। सीजीएसटी, लखनऊ के अधिकार क्षेत्र के तहत लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, शाहजहाँपुर, सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, गोंडा, बलरामपुर, बहराईच और श्रावस्ती जिलों में पंजीकृत 647 फर्मों के पते पर भौतिक सत्यापन किया गया।
दीपांकरन एरन ने बताया कि इस अभियान के दौरान, 131 फर्में अस्तित्वहीनपाई गईं, जिन्होंने फर्जी नामों पर और जाली दस्तावेजों का उपयोग करके जीएसटी पंजीकरण लिया था। जबकि कुछ फर्मों ने कुछ अन्य व्यक्तियों के पैन का उपयोग करके धोखाधड़ी से जीएसटी पंजीकरण लिया था, कुछ ने जाली किराया समझौते या बिजली बिल और ऐसे पते का उल्लेख किया था जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थे। इन 131 फर्जी, अस्तित्वहीन फर्मों ने पूरे देश में फैली लगभग 1100 प्राप्तकर्ता फर्मों को 1355.74 करोड़ रुपये की वस्तुओं/सेवाओं की आपूर्ति दिखाई थी लेकिन ये आपूर्ति वास्तव में नहीं हुई थी। अधिकांश प्राप्तकर्ता कंपनियाँ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली राज्यों में स्थित हैं। इन नकली आपूर्तियों में दिखाई गई प्रमुख वस्तुएँ वेस्ट एवं स्क्रैप, प्लाईवुड और विनियर हैं। जीएसटी अपवंचन के इरादे से प्राप्तकर्ता फर्मों को 197.20 करोड़ रुपये के अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ देने के लिए वस्तुओं/सेवाओं की इन फर्जी आपूर्ति को रिकॉर्ड में दिखाया गया था।
ऐसी सभी प्राप्तकर्ता फर्मों के संबंधित कर अधिकारियों को, जिन्होंने इन अस्तित्वहीन फर्जी फर्मों से इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया था, ऐसे इनपुट टैक्स क्रेडिट की वसूली के लिए सतर्क कर दिया गया है। इन फर्जी,अस्तित्वहीन फर्मों के जीएसटी पंजीकरण को निलंबित/रद्द कर दिया गया है और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए उनके क्रेडिट लेजर में उपलब्ध 21.60 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को अवरुद्ध कर दिया गया है।

 

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