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सहकारी समितियाँ (एम-पैक्स) ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़: डॉ. प्रवीण सिंह जादौन*

*एम-पैक्स सदस्यता अभियान को लेकर पनवाड़ी में सहकारी संवाद कार्यक्रम संपन्न*

पनवाड़ी (महोबा) उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जे पी एस राठौर के निर्देशन में आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों को प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (एम-पैक्स) से जोड़ने के उद्देश्य से ब्लॉक सभागार पनवाड़ी में सहकारिता संवाद कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को सहकारिता आंदोलन से जोड़ना, एम-पैक्स सदस्यता बढ़ाना और ग्रामीण स्तर पर आर्थिक आत्मनिर्भरता को गति देना था।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मेंउत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि लखनऊ के निदेशक प्रवीण सिंह जादौन उपस्थित रहे। इसके अलावा जिला केंद्रीय सहकारी उपभोक्ता भंडार महोबा के निदेशक महेन्द्र सोनी तथा ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि इं. श्रीप्रकाश वर्मा ने भी कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।

 

इस अवसर पर क्षेत्र की विभिन्न सहकारी समितियों के पदाधिकारी एवं किसान बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सहकारी समिति देवगनपुरा के अध्यक्ष रामकुमार राजपूत, कोटरा सहकारी समिति अध्यक्ष हरनारायण यादव, सहकारी संघ पनवाड़ी अध्यक्ष संतोष अग्निहोत्री, भरत श्रीवास श्याम करन प्रजापति नितिन सैनी

नीरज द्विवेदी, सहकारी समिति से रामप्रकाश मिश्रा उदयभान राजपूत कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल हुए।

मुख्य अतिथि डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने अपने संबोधन में कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियाँ (एम-पैक्स) ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इन समितियों को सशक्त बनाकर किसानों को सस्ती दरों पर ऋण, बीज, खाद और कृषि संसाधन आसानी से उपलब्ध कराए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जब अधिक से अधिक किसान एम-पैक्स से जुड़ेंगे, तब समितियों की सामूहिक शक्ति बढ़ेगी और इससे किसानों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे सदस्यता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें ताकि गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। इसी क्रम में कार्यक्रम के दौरान किसानों को सदस्यता दिलाई गई और सदस्यता पुस्तिकाएं भी वितरित की गईं।

ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि इं. श्रीप्रकाश वर्मा ने ब्लॉक प्रमुख अंजना श्रीप्रकाश अनुरागी की ओर से किसानों के हित में पनवाड़ी–अलीपुरा–देवगनपुरा में एक अतिरिक्त नवीन सहकारी समिति के गठन की मांग की। साथ ही प्रत्येक न्याय पंचायत में एक संचालित सहकारी समिति के गठन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने खाद की उपलब्धता और वितरण से जुड़ी समस्या का शीघ्र समाधान करने की भी मांग की, जिससे किसानों को समय पर संसाधन प्राप्त हो सकें और कृषि कार्य प्रभावित न हो।

 निदेशक महेन्द्र सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार सहकारिता आंदोलन के माध्यम से गांवों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर दिलाने के लिए समितियों को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम में उपस्थित सहकारी पदाधिकारियों एवं किसानों ने एक स्वर में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी

 अतिथियों का पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया गया तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में मिलजुलकर कार्य करने का आह्वान किया

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