दलित मुसलमानों को भी मिले दलित आरक्षण का लाभ – अनीस मंसूरी
लखनऊ, पसमांदा मुस्लिम समाज की एक अहम् बैठक कार्यालय स्थित लालबाग़ में आयोजित की गयी जिसमें मुख्य रूप से संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने शिरकत की। बैठक को सम्बोधित करते हुए अनीस मंसूरी ने कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज अपने स्थापना दिवस से ही धारा 341 के पैरा 3 पर लगे धार्मिक प्रतिबंध का विरोध करता आया है।
अनीस मंसूरी ने कहा कि 10 अगस्त 1950 को तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने मुसलमानों को आरक्षण से वंचित करने के लिए राष्ट्रपति अध्यादेश लाकर धारा 341 के पैरा 3 पर धार्मिक प्रतिबंध लगा कर पिछड़े (पसमांदा )
मुसलमानों को आरक्षण से वंचित कर दिया था।
अनीस मंसूरी ने कहा कि आज़ाद भारत की यह सबसे बड़ी घटना थी जिसने पसमांदा मुसलमानों को बद से बदतर जीवन यापन करने पर मजबूर कर दिया।
कांग्रेस ने धारा 341 के पैरा 3 पर धार्मिक प्रतिबंध लगा कर अपराध किया था केंद्र सरकार को चाहिए कि धारा 341 के पैरा 3 से धार्मिक प्रतिबंध हटा कर कांग्रेस को अपराध की सज़ा दे।
उन्होंने कहा कि हम पसमांदा तबके के लोग हर साल की तरह इस साल भी हाथ पर काली पट्टी बांध कर काला दिवस माना रहे हैं और जबतक पसमांदा मुसलमानों को उनका आरक्षण का अधिकार नहीं मिल जाता हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
अनीस मंसूरी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने के बयान से हम पसमांदा मुसलमानों को बड़ा बल मिला था लेकिन आजतक सिर्फ पसमांदा मुसलमानों के नाम पर घड़यालीआंसू के सिवा कुछ नहीं किया।
अनीस मंसूरी ने कहा कि केंद्र सरकार चाहे तो धारा 341 के पैरा 3 से धार्मिक प्रतिबंध हटा दे ताकि पसमांदा मुसलमानों को दलित आरक्षण का लाभ मिल सके।