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फिनटेक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए डीएलएआई का सिडबी के साथ समझौता

डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डीएलएआई) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने हाल ही में घोषणा की थी कि उन्होंने देश में फिनटेक क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए औपचारिक रूप से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। सिडबी के सीएमडी सिवसुब्रमण्यन रमन ने गोवा में डीएलएआई द्वारा आयोजित अन-कॉन्क्लेव 2023 में डीएलएआई की उद्योग आचार संहिता (सीओसी) दस्तावेज के नवीनतम संस्करण को भी जारी किया। इस कार्यक्रम में भारतीय फिनटेक उद्योग के शीर्ष 100 कार्यपालकों ने भाग लिया।

आचार संहिता का नया संस्करण भारतीय रिज़र्व बैंक के डिजिटल ऋण प्रदायन दिशानिर्देशों के अनुरूप संरचित है और उत्तरदायी ऋण प्रदायन, पारदर्शिता, उचित ऋण वसूली प्रथाओं, डेटा गोपनीयता और सुरक्षा, नियामक ढांचे के अनुपालन, आदि जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखता है।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री रमन ने कहा, भारतीय फिनटेक क्षेत्र में हो रहा उच्च विकास सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे (पीडीआई) और नियामक के परिपक्व नीतिगत समर्थन से प्रेरित है। यह उद्योग पर निर्भर करता है कि वह उत्तरदायी ऋणप्रदायन प्रथाओं को विकसित करने के लिए आरबीआई के डिजिटल उधार दिशानिर्देशों का लाभ उठाए और डीएलएआई द्वारा तैयार की गई आचार संहिता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। हम डिजिटल ऋण प्रदायन को तीव्र गति से अपनाने की सुविधा के लिए मानक प्रोटोकॉल, ग्राहक संरक्षण, शिकायत निवारण आदि जैसे अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर उद्योग के साथ सहर्ष काम करेंगे। अपनी व्यावसायिक रणनीति के एक भाग के रूप में सिडबी सूक्ष्म उद्यमों तक प्रत्यक्ष पहुंच बनाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी और साझेदारी का उपयोग कर रहा है। सिडबी डीएलएआई सदस्यों के माध्यम से अपने ऋण उत्पादों की पेशकश की संभावना तलाशेगा।

सिडबी के साथ यह समझौता ज्ञापन डीएलएआई, इसके सदस्यों और सिडबी के बीच सहयोग के लिए एक फ्रेमवर्क स्थापित करना है।
समझौता ज्ञापन की घोषणा के अवसर पर डीएलएआई के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जतिंदर हांडू ने कहा, सिडबी देश में एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए शीर्षतम संस्थान है। यह साझेदारी भारत की फिनटेक यात्रा में एमएसएमई क्षेत्र के वित्तपोषण में उनकी भूमिका को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है। दोनों संगठन इस क्षेत्र को उच्च विकास पथ पर लाने के लिए अपनी अपनी संयुक्त विशेषज्ञताओं और संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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