सर्विक्स कैंसर के लक्षणों न करें नजरअंदाज करने की गलती
-सहारा हास्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सक की सला
बच्चेदानी के मुंह का कैंसर (सर्विक्स कैंसर) स्तन कैंसर के बाद भारतीय महिलाओं में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है और इसी बीमारी के चलते महिलाओं की सबसे ज्यादा मौतें होने की सम्भावना होती हैं। जरूरी है इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना ताकि समय रहते इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। यह जानकारी सहारा हास्पिटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. मो. सुहेल ने दी। उन्होंने बताया कि गर्भाशय का ये कैंसर तब होता है जब कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीव (प्रवेश द्वार) के अस्तर में असामान्य रूप से विकसित होती है, जो निचले गर्भाशय की गर्दन या संकीर्ण हिस्सा होता है। कम उम्र में कई यौन संबंध होने या यौन सक्रिय होने से गर्भशय ग्रीवा के कैंसर के विकास की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर के लक्षण जल्दी सामने आने पर जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है, इसलिए डॉक्टर एक निवारक उपाय के रूप में पैप स्मीयर जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं। यदि महिला संभोग में सक्रिय हो चुकी है तो स्क्रीनिंग 21 वर्ष की आयु से प्रारम्भ की जा सकती है, 21 वर्ष से 29 वर्ष की आयु में प्रति तीन वर्ष में ये जांच की जाती है। 30 से 65 वर्ष की आयु में प्रति तीन वर्षो में एक बार जांच की जाती है।
उन्होंने बताया कि इस कैंसर के प्रमुख कारणों में सबसे मुख्य कारण एचपीपी वायरस का संक्रमण है। सर्विक्स कैंसर के मुख्य लक्षणों में योनि से खून या अनियमित सफेद पानी का आना और संभोग के बाद खून का आना प्रमुख है। इसके साथ ही पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द, योनि से बदबूदार गाढ़े पानी का स्राव, पीरियड से पहले और बाद में रक्तस्राव और यौन गतिविधि के दौरान असुविधा का अनुभव होता है। इसके इलाज के लिए सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी का विकल्प चुना जा सकता है।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार श्री अनिल विक्रम सिंह जी ने बताया कि हमारे माननीय अभिभावक सहाराश्री जी ने सभी आयु व सभी वर्गों के प्रति अपनी दूर दृष्टि से विश्वस्तरीय सहारा हॉस्पिटल का निर्माण करवाया है। यहां 50 से अधिक विभाग हैं महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधित सभी बीमारियों का इलाज भी उचित मूल्य पर उपलब्ध है। श्री सिंह ने कहा कि महिलाएं अपनी अंदरूनी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को न छिपायें और न ही विशेषज्ञों को बताने में हिचकिचाहट महसूस करें जिससे उन्हें बेहतर इलाज सुविधा मिल सके।
संबंधित रोग के संबंध में ओपीडी की जानकारी के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर-0522-6780001/0002, एवं 9 बजे से 5 बजे तक 0522-6782146 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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