लखनऊ:
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सभागार में कल बुधवार को ’सिटी हीट एक्शन प्लान’ विषय पर परिचयात्मक बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (सेनि.) ने की। बैठक का उद्देश्य प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए हीट एक्शन प्लान की तकनीकी प्रस्तुतियों और प्रस्तावों का आंकलन करना था।
बैठक में राजस्व सचिव एवं राहत आयुक्त/अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्री भानु चंद्र गोस्वामी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भौगोलिक स्थिति और जलवायु परिवर्तन के चलते प्रदेश में हीटवेव की तीव्रता एवं आवृत्ति बढ़ रही है। शहरी क्षेत्रों में कंक्रीट सतह, यातायात एवं औद्योगिक कारणों से तापमान और अधिक बढ़ जाता है। इसलिए सिटी हीट एक्शन प्लान ऐसा होना चाहिए जिसे धरातल पर लागू कर जनता को सीधा लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने लखनऊ, आगरा और वाराणसी शहर के लिए सिटी हीट एक्शन प्लान विकसित किया है जबकि कानपुर और प्रयागराज के लिए यह तैयार किया जा रहा है। अन्य शहरों हेतु भी शीघ्र ही योजना बनाई जाएगी। कार्यशाला में डॉ. कनीज़ फातिमा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, यूपीएसडीएमए ने राज्य, जनपद और सिटी एचएपी का अवलोकन प्रस्तुत किया।
डॉ. महावीर गोलेच्छा, प्रोफेसर एवं प्रमुख, आईआईपीएच गांधीनगर ने स्थानीय निकायों से समन्वय और जनजागरूकता के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही केजीएमयू , आईआईटी कानपुर, आईआईटी (बीएचयू), आईआईटी रुड़की, एम्स गोरखपुर एवं अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों ने विभिन्न शहरों के लिए तकनीकी प्रस्तुतियां दीं और सुझाव साझा किए।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी ने कहा कि हीटवेव की चुनौती से निपटने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर काम करना होगा। नगर निगम के अधिकारियों को तकनीकी सहयोग देने, पर्यावरण व जनस्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने और हीट से संबंधित बीमारियों की रोकथाम हेतु योजनाबद्ध कार्यवाही जरूरी है।