आयकर विभाग ने ब्याज एवं लाभांश आय पर तृतीय पक्ष की जानकारी और करदाताओं द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न (आईटीआर) के बीच कुछ विसंगतियों का पता लगाया हैविसंगति दूर करने के लिए करदाताओं को अपना जवाब देने के लिए ई-फाइलिंग वेबसाइट https://eportal.incometax.gov.in के अनुपालन पोर्टल में ऑन-स्क्रीन सुविधा उपलब्ध कराई गई है
आयकर विभाग के पास उपलब्ध विवरण के अनुसार करदाताओं को एसएमएस और ईमेल के जरिए संबंधित विसंगति की जानकारी दी जा रही है
आयकर विभाग ने ब्याज एवं लाभांश आय पर तृतीय पक्ष की जानकारी और करदाताओं द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न (आईटीआर) के बीच कुछ विसंगतियों का पता लगाया है। कई मामलों में करदाताओं ने तो यहां तक कि अपना आईटीआर भी दाखिल नहीं किया है।
विसंगति को दूर करने के लिए करदाताओं को अपना जवाब देने के लिए ई-फाइलिंग वेबसाइट https://eportal.incometax.gov.in के अनुपालन पोर्टल में एक ऑन-स्क्रीन सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में अनुपालन पोर्टल पर वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 से संबंधित जानकारी विसंगति प्रदर्शित की गई है। विभाग के पास उपलब्ध विवरण के अनुसार करदाताओं को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से भी विसंगति के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
वे करदाता जो पहले से ही ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत हैं, वे अपने खाते में लॉग इन करने के बाद सीधे अनुपालन पोर्टल पर जा सकते हैं। पहचानी गई विसंगति का विवरण ‘ई-सत्यापन’ टैब के तहत उपलब्ध होगा।
जो करदाता ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें बेमेल या अंतर देखने के लिए ई-फाइलिंग वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत करना होगा। पंजीकरण के लिए, ई-फाइलिंग वेबसाइट पर “रजिस्टर” बटन पर क्लिक किया जा सकता है और उसमें संबंधित विवरण भरे जा सकते हैं। सफल पंजीकरण के बाद, ई-फाइलिंग खाते में लॉग-इन किया जा सकता है और बेमेल या अंतर देखने के लिए अनुपालन पोर्टल पर इन्हें ढूंढा जा सकता है।
ऑन-स्क्रीन कार्यकुशलता स्व-निहित है और यह करदाताओं को अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करके पोर्टल पर ही बेमेल का समाधान करने की सुविधा देगी। कोई दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। यह करदाताओं तक पहुंचने और उन्हें संरचना-आधारित तरीके से संचार का जवाब देने का अवसर प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा उठाया गया एक सक्रिय कदम है। यह स्पष्ट किया जाता है कि उक्त संचार कोई सूचना (नोटिस) नहीं है।
यदि करदाता ने आईटीआर में अनुसूची ओएस में लाइन आइटम ‘अन्य‘ के तहत ब्याज से होने वाली आय का खुलासा किया है, तो उसे ब्याज से होने वाली आय से संबंधित विसंगति का जवाब देने की आवश्यकता नहीं है। उक्त विसंगति का समाधान अपने आप हो जाएगा और पोर्टल पर ‘पूर्ण’ के रूप में दिखाई देगा।
जो करदाता उक्त विसंगति की व्याख्या करने में असमर्थ हैं, वे आय की किसी भी कम रिपोर्टिंग की भरपाई के लिए, पात्र होने पर अद्यतन आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने के विकल्प पर विचार कर सकते हैं।