एक सुदृढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क विकसित करने के उद्देश्य से भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया- एनएचएआई) ने स्थान (साइट) विशिष्ट भू-तकनीकी परामर्श के लिए एनएचएआई को सेवाएं प्रदान करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट-डीपीआर) की जांच में भू-तकनीकी दृष्टिकोण से सहायता हेतु भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जियोलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया- जीएसआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण(जीएसआई) के उप महानिदेशक डॉ. सैबल घोष के साथ-साथ एनएचएआई और जीएसआई के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते के अनुसार भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) क्षेत्र के भूवैज्ञानिक मानचित्र तैयार करने, विस्तृत भूवैज्ञानिक विशेषताएं प्रदान करने, सड़क के ढलान स्थिरता अध्ययन की तैयारी और आवश्यक सिफारिशें देंगे।
देश के विभिन्न स्थानों पर भूवैज्ञानिक रूप से कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने से संबंधित साइट विशिष्ट भू-तकनीकी परामर्श सेवाएं प्रदान करने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों के स्थल / विस्तार, स्थल विशिष्ट उपचारात्मक उपाय, परियोजना में सुरंगों की त्रि-आयामी (3-डी) भूवैज्ञानिक लॉगिंग और आवश्यक एवं प्रासंगिक स्थिरीकरण उपायों का सुझाव देगा। इसके अतिरिक्त जीएसआई, एनएचएआई सलाहकारों द्वारा तैयार डीपीआर का विस्तृत विश्लेषण भी करेगा।
सर्वाेत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए दो सरकारी संगठनों के बीच सहयोग की यह अनूठी पहल राष्ट्रीय राजमार्गों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण को प्रोत्साहन प्रदान करने में बहुत सहायक होगी। यह न केवल राजमार्गों के सुगम संचालन और रखरखाव में मदद करेगी बल्कि इससे राष्ट्रीय राजमार्ग के उपयोगकर्ताओं को सहज और निर्बाध यात्रा अनुभव भी मिलेगा।