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भारत के युवा स्टार्टअप भारतीय बाजार और दुनिया के लिए डिवाइस, आईपी उत्पाद, समाधान और प्लेटफॉर्म डिजाइन कर रहे हैं-राजीव चंद्रशेखर

 

आज हम जिन फ्यूचर डिजाइन डीएलआई स्टार्टअप्स का समर्थन कर रहे हैं, उनमें भविष्य की यूनिकॉर्न बनने की क्षमता है राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर

हमारा मानना है कि एआई का जब सही ढंग से उपयोग किया जाता है, तो यह स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शासन और भाषा अनुवाद को बदल सकता है राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर

दुनिया अब भारत के विजन के साथ जुड़ रही है कि हमें इंटरनेट के लिए सुरक्षा और विश्वास की रेलिंग की आवश्यकता है राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर

2014 से पहले, भारत की सेमीकंडक्टर की कहानी गंवाए हुए अवसरों की एक श्रृंखला थी राज्य मंत्री चन्द्रशेखर

राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर 26वें बेंगलुरु टेक समिट में शामिल हुए

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर 26वें बेंगलुरु टेक में सिलिकॉन डिजाइन इंजीनियरिंग, एएमडी इंडिया की कंट्री हेड, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जया जगदीश के साथ गुरुवार को शिखर सम्मेलन के दौरान गहन बातचीत में शामिल हुए। राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग, एआई और देश के समग्र आर्थिक विकास में स्टार्टअप द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।

सेमीकॉन इंडिया 2023 शिखर सम्मेलन को याद करते हुए, राजीव चंद्रशेखर ने भारत के आख्यान के सशक्त परिवर्तन पर प्रकाश डाला, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परिकल्पना की थी।

राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, “हमने गांधीनगर में 2023 सेमीकॉन इंडिया शिखर सम्मेलन में पूरी कहानी में बदलाव देखा, जहां लोग अब “भारत क्यों” पूछने से हटकर “हम भारत में ऐसा कब करने जा रहे हैं, और हम भारत में ऐसा क्यों नहीं?” करने लगे हैं।ष् इस बदलाव के कई अंतर्निहित कारण हैं, हालांकि, भू-राजनीति के अलावा सबसे महत्वपूर्ण कारक, पिछले कुछ वर्षों में विकसित इको-सिस्टम का बढ़ता आत्मविश्वास और क्षमताएं हैं। पिछले पांच से सात वर्षों में, हमारी तकनीकी अर्थव्यवस्था दुनिया भर में जो कुछ भी चल रहा है उसके लगभग हर पहलू का प्रतिनिधित्व करती है। चाहे वह एआई, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, वेब 3, सुपरकंप्यूटिंग, उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग ही क्यों न हो।

डिजाइन में विरासत की कमी के बावजूद सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति पर जोर देते हुए, श्री चंद्रशेखर ने कहा, “मेरा मानना है कि दशकों तक अवसर चूकने के बाद अब हम कैच-अप खेल रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कई मायनों में, हम लगभग एक पीढ़ी को छोड़ रहे हैं और अगले दशक के लिए उन अवसरों की तलाश कर रहे हैं जो पूरी तरह से नए हैं और अद्वितीय अवसर पेश करते हैं। आज दुनिया के लिए उपकरण डिजाइन करना एक ऐसी चीज है जिसकी भारत में कोई विरासत नहीं है। इसलिए, मेरा मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में, हमने प्रतिभा, डिजाइन, पैकेजिंग और अनुसंधान में जबरदस्त प्रगति की है। एक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा और बदले में, वैश्विक सेमीकंडक्टर इको-सिस्टम में एक विश्वसनीय हस्ती बनने की ओर अग्रसर है। यह इस बात पर निर्भर है कि हम इसे कितनी जल्दी कार्यान्वित कर सकते हैं।”

राजीव चन्द्रशेखर ने स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और शासन में एआई के इस्तेमाल पर जोर देते हुए इसका लाभ उठाने के लिए सरकार के विजन पर जोर दिया। एआई द्वारा प्रस्तुत विशाल अवसरों को स्वीकार करते हुए, उन्होंने नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले संभावित खलनायकों की उपस्थिति के बारे में भी बात की। उन्होंने सुरक्षा और विश्वास के लिए विधायी रेलिंग की आवश्यकता पर बल दिया।

एआई के बारे में श्री चंद्रशेखर ने कहा, “हमारा मानना है कि एआई, जब सही ढंग से उपयोग किया जाता है, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, शासन और भाषा अनुवाद को बदल सकता है। हमारा ध्यान एआई पर कब्जा करने, क्षमताओं और डेटासेट का निर्माण करने और मॉडल बनाने के लिए एआई गणना और प्रशिक्षण क्षमताओं को बढ़ाने पर है जो भारत के जीवन को बेहतर बनाने के लक्ष्यों में योगदान देगा। एआई 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के लिए एक गतिशील प्रवर्तक है जिसे हमने एक राष्ट्र के रूप में अपने लिए निर्धारित किया है। हालांकि, जैसा कि हाल की बातचीत से पता चला है, दुनिया अब भारत के इस विजन के साथ जुड़ रही है कि हमें सुरक्षा और विश्वास की रेलिंग की आवश्यकता है। इसलिए, भले ही एआई महान है, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा और विश्वास की विधायी रेलिंग की आवश्यकता है कि एआई का कभी भी दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है या खलनायकों द्वारा नुकसान पहुंचाने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है।”

2014 के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था में स्टार्टअप्स की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा करते हुए श्री चंद्रशेखर ने कहा, “हमारे पास 102 यूनिकॉर्न हैं, 65 बिलियन डॉलर का एफडीआई स्टार्टअप्स में आया है। इसलिए स्टार्टअप न केवल हमारी अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, दृष्टि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, बल्कि समग्र आर्थिक दृष्टि का भी हिस्सा हैं। आज, हम जिन फ्यूचर डिजाइन डीएलआई स्टार्टअप्स का समर्थन कर रहे हैं, मैं उनमें से कई में भविष्य की यूनिकॉर्न बनने की क्षमता देखता हूं। स्टार्टअप हमारे सामाजिक और आर्थिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था का दिल और आत्मा हैं, जो 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था हासिल करने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। जैसे-जैसे हम एआई, सेमीकंडक्टर, अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में उद्यम करते हैं, अधिक से अधिक स्टार्टअप उभरेंगे जो मूल्यवान हैं और महत्वपूर्ण आईपी रखते हैं।

 

 

 

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