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The Union Minister for Defence, Shri Rajnath Singh graced the ‘Shaurya Sandhya’ organised on the occasion of 76th Army Day celebrations at Lucknow Cantonment in Uttar Pradesh on January 15, 2024.

सशस्त्र बलों को और सशक्त बनाना तथा पूर्व सैनिकों का कल्याण सुनिश्चित करना, सरकार का दृढ़ संकल्प है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

सेना/नौसेना/वायु सेना दिवस को दिल्ली से बाहर आयोजित करने का विचार देश की परंपरा एवं सैन्य दक्षता को लोगों तक ले जाने पर आधारित है

हमारी सेना नए-नए नवाचारों के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने के साथ-साथ परंपराओं पर भी ध्यान केंद्रित करती है
76वें सेना दिवस के अवसर पर लखनऊ में शौर्य संध्या

The Union Minister for Defence, Shri Rajnath Singh in a group photograph during the ‘Shaurya Sandhya’ organised on the occasion of 76th Army Day celebrations at Lucknow Cantonment in Uttar Pradesh on January 15, 2024.

15 जनवरी, 2024 को मनाए जा रहे 76वें सेना दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित छावनी में सैन्य और युद्धक प्रदर्शनी कार्यक्रम शौर्य संध्या का आयोजन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, आमंत्रित असैन्य अतिथियों और कई सैन्य कर्मियों ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस आयोजन में कलारीपयट्टू व गतका जैसे मार्शल आर्ट का प्रदर्शन और पूर्वाेत्तर के सैनिकों द्वारा की गई गतिविधियों का तालमेल शामिल था।

भारतीय सेना की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम के रोमांचक प्रदर्शन के साथ-साथ रिमाउंट वेटरनरी कोर के आठ घोड़ों की टेंट पेगिंग और ट्रिक राइडिंग ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रांगण में आयोजित की गई प्रदर्शनी में आकाश मिसाइलें, के9 वज्र, एंटी-ड्रोन उपकरण, बोफोर्स बंदूकें, तोपखाने वाले हथियार की प्रणाली और भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य उपकरण तथा तकनीकों का प्रदर्शन भी शामिल थे। भारतीय सेना के 12 जवानों द्वारा 8,000 फीट की ऊंचाई से पैराशूट के माध्यम से कॉम्बैट फ्री फॉल को पूरा किया। शौर्य संध्या के दौरान एसयू-30 एमकेआई, सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टरों ने आकाश को ज्योतिर्मय कर दिया।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में भारतीय सैनिकों के अद्वितीय चरित्र के बारे में चर्चा की, जो देश के सांस्कृतिक मूल्यों में निहित है। उन्होंने एक सैनिक के चार सबसे महत्वपूर्ण गुणों के रूप में देशभक्ति, साहस, मानवता और भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा को उल्लेखित किया। उन्होंने कहा कि श्मैं रहूं या न रहूं, मेरा देश सुरक्षित रहे की भावना के साथ मातृभूमि की रक्षा करने वाला सैनिक ही अनुकरणीय राष्ट्रभक्त होता है। यही देशभक्ति एक सैनिक को साहस प्रदान करती है। संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों तथा आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में हमारे सैनिकों का योगदान अविस्मरणीय रहा है और इसके अलावा वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान उन्होंने 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ जिस सम्मान के साथ व्यवहार किया था, वह इस बात का प्रमाण है कि उनमें मानवता का स्तर बहुत यह उच्च है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम अपने ही पड़ोस में ही सेना तथा उनके संवैधानिक मूल्यों के बीच अलगाव देख सकते हैं। लेकिन, संवैधानिक मूल्यों के प्रति भारतीय सेना का झुकाव अतुलनीय है और सभी इसे स्वीकार भी करते हैं।

राजनाथ सिंह ने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि भारतीय सेना न केवल परंपरा पर ध्यान केंद्रित कर रही है बल्कि नए नवाचारों एवं विचारों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव भी ला रही है। उन्होंने कहा कि परंपरा को जड़ता की स्थिति में स्थापित नहीं किया जा सकता; बल्कि इसे निरंतर प्रवाहित होना चाहिए और बदलते समय के अनुसार ढलना ही चाहिए।

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का सेना/नौसेना/वायु सेना दिवस को दिल्ली के बाहर आयोजित करने का निर्णय भारत की परंपरा के प्रतीक और साथ ही सैन्य दक्षता के संकेतों को लोगों के समक्ष विभिन्न विशिष्ट समारोहों में ले जाने के विचार पर आधारित है। उन्होंने स्पष्ट किया, देश अब देख रहा है कि कैसे हमारी सेना लगातार ड्रोन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित आधुनिक हथियारों/प्रौद्योगिकियों से लैस हो रही है, साथ ही सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका भी लगातार बढ़ रही है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति को सेना में शामिल होने का अवसर नहीं मिलता है, लेकिन जिन लोगों ने आज का कार्यक्रम देखा, वे देश की रक्षा के लिए हमारी सेना की तैयारियों का अनुभव कर सकते हैं। इस कार्यक्रम से लोग हमारे सैनिकों के करीब आये हैं। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से हमारे युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने या हमारे सैनिकों के समान ही समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा।

राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को और अधिक सशक्त बनाने के सरकार के अटूट संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय बिना किसी हिचकिचाहट के रक्षा मंत्रालय द्वारा मांग की गई धनराशि को जारी करता है, जो सैनिकों के प्रति सरकार की निष्ठा का प्रतीक है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार न केवल सेवारत सैनिकों के कल्याण, बल्कि पूर्व सैनिकों की भलाई के लिए भी पूरी तरह से वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि चाहे श्वन रैंक वन पेंशनश् योजना हो या स्वास्थ्य देखभाल और फिर पुनः रोजगार के अवसर प्रदान करने का मुद्दा हो, पूर्व सैनिकों के हित के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा में सेवा देने वाले पूर्व सैनिकों के योगदान को स्वीकार करना और उनका सम्मान करना देशवासियों का नैतिक एवं राष्ट्रीय कर्तव्य है। श्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर पहले दिन का पोस्टल कवर भी जारी किया।

76वीं सेना दिवस परेड लखनऊ के ठाकुर श्योदत्त सिंह परेड ग्राउंड, 11 जीआरआरसी में आयोजित की गई थी। थल सेनाध्यक्ष ने परेड का निरीक्षण किया और वीरता पुरस्कार प्रदान किये। इस परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ तथा अन्य वरिष्ठ सैन्य कर्मी भी शामिल हुए।

सेना दिवस हर वर्ष 15 जनवरी को भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा की उपलब्धियों की स्मृति में मनाया जाता है। 1947 के युद्ध में भारतीय सेना को जीत दिलाने वाले जनरल करिअप्पा ने आज ही के दिन वर्ष 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफआरआर बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली और फिर वे स्वतंत्र भारत के पहले कमांडर-इन-चीफ बने थे।

 

 

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