राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित विशेष बैठक आयोजित
तेजी से बदलते राष्ट्रीय परिदृश्य में नीतियों के प्रभावी एवं सटीक निर्धारण के लिए सांख्यिकीय आंकड़ों की विश्वसनीयता, गुणवत्ता, समयबद्धता तथा उनके समुचित उपयोग का सुनिश्चित होना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य की दिशा में सार्थक कदम उठाते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग (National Statistical Commission – NSC) की समिति का प्रदेश भ्रमण एवं उच्चस्तरीय बैठक योजना भवन, लखनऊ में आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग के अध्यक्ष एवं सभी सदस्यों के स्वागत उपरांत, दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।
इस उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष, प्रो. राजीव लक्ष्मण करिंदकर द्वारा की गयी बैठक में आयोग के अन्य सदस्य श्री असित कुमार साधू, प्रो. ए. गणेश कुमार, प्रो. देबासीस कुंदु के साथ ही डॉ. सौरभ गर्ग, आई.ए.एस., सचिव, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार, भी उपस्थित रहें। इसके अतिरिक्त, बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक से डॉ. ए.आर. जोशी (अधिशासी निदेशक) एवं सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से श्री नरेन्द्र कुमार संतोषी (महानिदेशक, एनएडी), सुश्री गीता सिंह राठौर (महानिदेशक, एनएसएस) के साथ ही विभिन्न सांख्यिकी संभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर डा. के.वी. राजू, आर्थिक सलाहकार, मा. मुख्यमंत्री जी एवं श्री अवनीश कुमार अवस्थी, सलाहकार, मा. मुख्यमंत्री जी, डॉ. डी.पी. सिंह, सलाहकार, मा. मुख्यमंत्री एवं जी.एन. सिंह, सलाहकार, मा. मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहें। साथ ही नियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व प्रदेश के 20 से अधिक विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगणों ने भी बैठक में प्रतिभाग किया।
बैठक के दौरान श्री आलोक कुमार, आई.ए.एस., प्रमुख सचिव नियोजन, उत्तर प्रदेश द्वारा ‘वन ट्रिलियन डॉलर मिशन’ की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए प्रदेश की अर्थव्यवस्था का यथार्थपरक आंकलन हेतु जनपदवार समसामयिक आंकड़ों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए नियोजन विभाग द्वारा फैमिली आई डी , WEE इंडेक्स जैसी नव प्रयासों पर भी चर्चा की । साथ ही ‘विकसित भारत@2047′ की परिकल्पना के अनुरूप ‘समर्थ-समृद्ध-सशक्त उत्तर प्रदेश’ हेतु विकसित उत्तर प्रदेश@2047’ के विजन पर चर्चा करते हुए बताया प्रदेश को विकसित बनाने हेतु अभी तक 40 लाख से ऊपर जनमानस के सुझाव प्राप्त हो चुके है । तत्पश्चात डेलॉइट टीम द्वारा One Trillion Dollar (OTD) की अद्यतन प्रगति के साथ आर्थिक विकास के नवीन आयामों पर प्रस्तुतीकरण किया गया।
बैठक के दौरान डॉ. सौरभ गर्ग, सचिव, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में ‘राज्य-केन्द्र-विभागीय सहयोग’ की नव संरचना गढ़ने का अवसर है, इसलिए सांख्यिकीय समन्वय को सुदृढ़कर डेटा की समयबद्धता, गुणवत्ता और उपयोगिता बढ़ाकर सांख्यिकीय पद्धतियों को नवप्रवर्तन के साथ अपनाना होगा।
बैठक में अर्थ एवं संख्या प्रभाग की निदेशक श्रीमती अलका बहुगुणा ढौंडियाल द्वारा नियोजन विभाग के अंतर्गत विभिन्न प्रभागो की अवसंरचना पर प्रकाश डालते हुए अर्थ एवं संख्या प्रभाग द्वारा संचालित सांख्यिकीय गतिविधियों जैसे- GSDP आंकलन से सम्बंधित विभिन्न बिंदु जिन पर भारत सरकार से निरंतर संवाद की प्रक्रिया जारी है, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP), वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण(ASI), एन.एस.एस. सर्वेक्षण आदि पर सांख्यिकी मंत्रालय (MoSPI) से अपेक्षित सहयोग हेतु प्रस्तुतीकरण किया गया।
परिचर्चा के दौरान श्रीमती शालू गोयल उप निदेशक, अर्थ एवं संख्या द्वारा जिला घरेलू उत्पाद (DDP) के यथार्थपरक आंकलन एवं बॉटम-अप दृष्टिकोण की दिशा सम्बन्धी विषय पर प्रस्तुतीकरण किया गया। श्री मंजू अशोक, उपनिदेशक अर्थ एवं संख्या द्वारा उत्तर प्रदेश में कराये गए PLFS/ ASUSE के पायलट सर्वेक्षण के साथ ही वर्तमान में किये जा रहे PLFS/ASUSE सर्वेक्षण के मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा की। बैठक में
डा. राजेश कुमार चौहान, उपनिदेशक, अर्थ एवं संख्या द्वारा प्रदेश में महाकुंभ-2025 जैसे विशेष आयोजन का राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव से सम्बंधित प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें एक्स्पेंडिचर अप्रोच द्वारा इस मेगा इवेंट से प्राप्त कुल जीवीए की गणना को दर्शाया गया। साथ ही प्रदेश में पर्यटकों के आगमन में उतरोत्तर वृद्धि को रेखांकित करते हुए विभिन्न पर्यटन स्थालोंन पर चर्चा की।
बैठक के दौरान निदेशक, जनशक्ति नियोजन द्वारा प्रदेश में संचालित ‘फेमिली आईडी’ पर प्रस्तुतीकरण करते हुए अवगत कराया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक परिवार के लिए विशिष्ट पहचान पत्र जारी किये जाने का पोर्टल विकसित है, जिसमें स्वैच्छिक परिवार पंजीकरण कराकर संभावित लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान WEE- इंडेक्स एवं SDG गोल आदि पर भी प्रस्तुतीकरण किये गए।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग एवं सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से सम्बंधित अधिकारियों का राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ चर्चा की गयी।
डा. के.वी. राजू, आर्थिक सलाहकार, मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा बैठक को संबोधित करते हुए बताया गया कि राज्य सरकार सांख्यिकीय सशक्तिकरण को नीतिगत प्राथमिकता दे रही है तथा NSC के सहयोग से यह प्रणाली और अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी होगी।
इस अवसर पर श्री अवनीश कुमार अवस्थी, मा. मुख्यमंत्री जी सलाहकार द्वारा उत्तर प्रदेश की तेजी से बढ़ती हुयी अर्थव्यवस्था एवं प्रदेश को प्रत्येक कार्यविधि में देश में मोडल प्रदेश के रूप में स्थापित करने हेतु इस तरह की बैठक को नितांत आवश्यक बताया।
बैठक में आयोग के सदस्य असित कुमार साधू ने अपने संबोधन में सांख्यिकीय पद्धतियों, आंकड़ों की विश्वसनीयता, गुणवत्ता एवं उपयुक्त आंकड़ों की महत्ता पर प्रकाश डाला। आयोग के अन्य सदस्य प्रो. ए. गणेश कुमार ने प्रदेश सांख्यकीय कैडर एवं इंटीग्रेटेड स्टैटिस्टिकल सिस्टम स्थापित करने का सुझाव दिया जिससे प्रदेश में अधिकारियों को ससमय प्रोन्नत मिले जिससे कार्यप्रणाली और बेहतर हो सके।
प्रो. देबासीस कुंदु द्वारा संबोधन में अलोक कुमार, प्रमुख सचिव नियोजन द्वारा किये जा रहे नव प्रयास महिला आर्थिक सशक्तिकरण सूचकांक (WEE Index) एवं फैमिली आईडी की सराहना करते हुए इन्हें डिजिटल सुशासन एवं डेटा एकीकरण आधारित अनुश्रवण व्यवस्था का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग के अध्यक्ष, प्रो. राजीव लक्ष्मण करिंदकर द्वारा उत्तर प्रदेश की सांख्यिकीय प्रणाली की प्रगतिशील दिशा की सराहना करते हुए इसे देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया। साथ ही माननीय अध्यक्ष द्वारा बदलते हुए परिवेश में अर्थ एवं संख्या निदेशालय की पुनर्संरचना की नितांत आवश्यकता बताई गयी। आयोग द्वारा इस प्रकार की उच्चस्तरीय बैठक से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर केंद्र एवं राज्यों के मध्य सांख्यिकीय क्रियाकलापों में समुचित समन्वय एवं प्रभावी रणनीतियाँ विकसित करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए ‘डेटा से नीति, नीति से विकास और विकास से समृद्धि’ का खाका खींचा गया।
बैठक का समापन संजय कुमार श्रीवास्तव, अपर निदेशक अर्थ एवं संख्या प्रभाग, द्वारा आभार ज्ञापन के साथ हुआ।