बहु-राज्य सहकारी समिति (एमएससीएस) अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत पंजीकृत सहकारी समितियां स्वायत्त सहकारी संगठनों के रूप में कार्य करती हैं और अपने सदस्यों के प्रति जवाबदेह होती हैं। एमएससीएस बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के प्रावधानों और समिति के अनुमोदित उपनियमों के अनुसार कार्य करती हैं। ष्समुदाय के लिए चिंताष् एमएससीएस अधिनियम, 2002 की पहली अनुसूची में उल्लिखित सहकारी सिद्धांतों में से एक है, जो कहता है
अपने सदस्यों की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सहकारी समितियां अपने सदस्यों द्वारा स्वीकृत नीतियों के माध्यम से समुदाय के सतत विकास के लिए कार्य करती हैं।
इसके अलावा, सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) कार्यालय के लिए एक डिजिटल पोर्टल 06.08.2023 को लॉन्च किया गया है, ताकि दक्षता को बढ़ावा देने, व्यवसाय में आसानी को बढ़ाने और कागज रहित हरितष् मैत्रीपूर्ण विनियमन वातावरण को प्रोत्साहन देने के लिए एमएससीएस के साथ सभी बातचीत और संचार इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा सके। पेपरलेस कामकाज को और मजबूत करने के लिए, एमएससीएस अधिनियम की धारा 120ए (एमएससीएस (संशोधन) अधिनियम, 2003 के माध्यम से जोड़ी गई, 03.08.2023 को अधिसूचित) इलेक्ट्रॉनिक रूप में आवेदन, दस्तावेज, निरीक्षण आदि दाखिल करने का प्रावधान करती है।
बहु-राज्य सहकारी समितियों की आर्थिक व्यावहारिकता सुनिश्चित करने के क्रम में ऋण और वित्तीय संसाधनों तक पहुंच बढ़ाने के लिए, निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं –
एमएससीएस अधिनियम की धारा 63 ए के अनुसार कमजोर बहु-राज्य सहकारी समितियों के पुनरुद्धार और विकास उद्देश्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा सहकारी पुनर्वास, पुनर्निर्माण और विकास निधि (सीआरआरडीएफ) की स्थापना की गई है, जो निर्धारित करती है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लाभ में रहने वाली बहु-राज्य सहकारी समितियों द्वारा सालाना ऐसी निधि में एक करोड़ रुपये या ऐसी बहु-राज्य सहकारी समिति के शुद्ध लाभ का एक प्रतिशत, जो भी कम हो, जमा किया जाता है।
गैर-मताधिकार वाले शेयर जारी करने के लिए एमएससीएस (संशोधन) अधिनियम, 2023 के माध्यम से एक प्रावधान भी किया गया है, जो वोट देने के अधिकार, बोर्ड के निदेशक के रूप में चुने जाने या सामान्य निकाय बैठकों में भाग लेने सहित बहु-राज्य सहकारी समिति के प्रबंधन में कोई हित प्रदान नहीं कर सकता है। इससे एमएससीएस को अपना पूंजी आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
एमएससीएस (संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुसार बहु-राज्य सहकारी समिति के बोर्ड में महिलाओं के लिए दो सीटें और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लिए एक सीट आरक्षित की गई है।
यह बात सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।