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दिव्यांगता जागरूकता एवं शारीरिक परीक्षण कार्यक्रम का आयोजन

काकोरी स्थित प्राथमिक विद्यालय, ईंटगांव में दिव्यांगता जागरूकता एवं शारीरिक परीक्षण कार्यक्रम का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक एवं आर्थाेटिक्स माह के उपलक्ष्य में डॉऽ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र द्वारा ईंटगांव क्षेत्र काकोरी स्थित प्राथमिक विद्यालय , ईंटगांव में दिव्यांगता जागरूकता एवं शारीरिक परीक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया , जिसमें लगभग 200 छात्र-छात्राए एवं उनके अभिभावक तथा शिक्षकगण भी उपस्थित रहे , जिनमे 170 बच्चों में जेनु वैल्गम,धनुर्जानु(जीनू वेरमश्), फुटफ्लैट, पैरों का छोटादृबड़ा होना, सेरेब्रल पाल्सी, टेलिप्स इक्विनस ,क्यूबिटस वैल्गस जैसी विकृतियों और आनुवंशिक बीमारियां के रोगियों का परीक्षण किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को शारीरिक दिव्यांगता तथा शारीरिक विकृतियों में होने वाली समस्याओं से अवगत कराना है जिससे समाज को जागरुक कर समय से उपचार से दिव्यांगता दर में कमी लाई जा सके ।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोस्थेटिक एवं आर्थाेटिक संकाय के सहायक आचार्य स्थिर प्रज्ञान बिसवाल एवं सुश्री अनुप्रिया त्रिपाठी डेमोंस्ट्रेटर प्रोस्थेटिक एवं आर्थाेटिक की मौजूदगी में विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री अब्दुल रब को पुष्प भेंट कर की गई। इस मौके पर नवनीत तिवारी , साहिल सक्सेना, विमलेश ने दिव्यांगता के प्रारंभिक लक्षणों और कृत्रिम अंग एवं कृत्रिम की महत्ता पर एक व्यापक प्रस्तुति दी। इस दौरान विद्यार्थियों को कृत्रिम अंगों के उपयोग और प्रत्यंग की भूमिका और विभिन्न प्रकार के पुनर्वास तकनीक के बारे में जानकारी दी गई ।

कार्यक्रम मे दिव्यांगता के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान के लिए विद्यार्थियों के पैरों और रीढ़ की हड्डी का परीक्षण कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र के छात्र अमृतांशु द्वेदी, साहिल सक्सेना, देवांश शुक्ला, विमलेश कुमार, अभय गुप्ता, संस्कृति चतुर्वेदी, हर्षितपांडे ने वहां पर उपस्थित सभी बच्चों का परीक्षण किया जिसमें
से 45 बच्चो मे विकृतियां पाई गई। परीक्षण मे रीढ़ की हड्डी ,जेनु वैल्गम,धनुर्जानु(जीनू वेरमश्), फुटफ्लैट, , पैरों का छोटादृ बढ़ा,सेरेब्रल पाल्सी ,टेलिप्स इक्विनस,क्यूबिटस वैल्गस जैसी हाथ, पैर तथा रीढ़ की विकृतियो का मुल्यांकन किया गया ।
इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के मार्गदर्शक . कुलपति आचार्य संजय सिंह के संरक्षण में कुलसचिव रोहित सिंह, एवं प्रो0 वी0 के0 सिंह, अधिष्ठाता, पैरामेडिकल एवम रिहैबिलिटेशन साइंसेज संकाय के मार्गदर्शन में डॉ रणजीत कुमार, कार्यशाला प्रबन्धक, कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र द्वारा संयोजन तथा स्थिर प्रज्ञान बिस्वाल एवं अनुप्रिया त्रिपाठी के समन्वयन में किया गया।

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