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प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना जीवन रेखा है मछुआ समाज के लिए-मत्स्य मंत्री डा0 संजय निषाद

मत्स्य सम्पदा जागरूकता अभियानः एक दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन

विभागीय योजनाओं से मछुआ समुदाय को लाभान्वित करने एवं मत्स्य विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आनलाईन आवेदन

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त फिश मार्केट की स्थापना

उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर तक पहुॅचाने में अल्ट्रा-मॉडर्न फिश मार्केट का महत्वपूर्ण योगदान होगा

सूफिया ंिहंदी

मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास हेतु संचालित योजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण योजना भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना है। यें बातें प्रादेशिक मछुआ कल्याण सम्मेलन मत्स्य सम्पदा जागरूकता अभियान पर प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री डा0 संजय निषाद ने
राजधानी लखनऊ के कृषि निदेशालय के सभागार में कही।

मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत निजी भूमि पर तालाब निर्माण, मत्स्य बीज हैचरी निर्माण, बायोफ्लाक पाण्ड, रियरिंग तालाब निर्माण, रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, इन्सुलेटेड व्हीकल्स, मोटर साइकिल विद आइस बॉक्स, थ्री-व्हीलर विद आइस बॉक्स, साइकिल विद आइस बॉक्स, जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र, मत्स्य आहार प्लान्ट, मत्स्य आहार मिल, केज संवर्धन, पेन संवर्धन, सजावटी मछली रियरिंग यूनिट, कियोस्क निर्माण, शीतगृह निर्माण, मनोरंजन मात्स्यिकी, डाइग्नोस्टिक मोबाईल लैब, मत्स्य सेवा केन्द्र एवं सामूहिक दुर्घटना बीमा सहित कुल 31 योजनाएं संचालित हैं।
मत्स्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त (अल्ट्रा-मॉडर्न) फिश मार्केट की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में जनपद चन्दौली में अल्ट्रा मार्डन फिश मण्डी निर्माणाधीन है। मत्स्य आयात एवं निर्यात को बढावा देने, प्रदेश के अन्य जनपदों में उत्पादित मछली का उचित मूल्य मत्स्य पालकों एवं व्यवसायियों को उपलब्ध होने, क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान, मत्स्य पालकों के आय को बढाने, रोजगार सृजन, मत्स्य पालन क्षेत्र को बढावा देने, सामुद्रिक मत्स्य उत्पाद की उपलब्धता, मत्स्य से सम्बन्धित निवेश एवं अन्य सामग्रियों की उपलब्धता के लिए मण्डी का निर्माण कराया जा रहा है। जिसकी लागत प्रति इकाई रू0 50 करोड़ है। इस वर्ष जनपद गोरखपुर व मुरादाबाद में भी मण्डी निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर तक पहुॅचाने में अल्ट्रा-मॉडर्न फिश मार्केट का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

प्रदेश के दूर दराज के ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाले व्यक्ति ऑनलाईन आवेदन करके विभागीय योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु जनसुविधा केन्द्रों, साइबर कैफे आदि के सहयोग से आम जनमानस द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है।

योजना की इकाई लागत पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया 2023-24 हेतु रू0 05 करोड का बजट दिया गया है, जिससे 1865 मछुआरों को लाभान्वित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से मछुआ समुदाय एवं कृषकों को लाभान्वित किया गया तथा वाहन परियोजनाओं का फ्लैग ऑफ भी किया गया।
इनमें मोटर साईकिल विथ आईसबॉक्स के 33 लाभार्थी, थ्री व्हिलर विथ आईसबॉक्स के 08 लाभार्थी, रेफ्रीजरेटेड वैन एवं इन्सुलेटेड वैन के 08 लाभार्थी शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव मत्स्य डा0 रजनीश दुबे ने कहा कि प्रदेश ने वर्ष 2022-23 में 9.15 मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन कर पूरे देश में अर्न्तदेशीय मछली उत्पादन में तीसरा स्थान हासिल किया है। वर्ष 2023-24 में प्रदेश ने अब तक 9.39 मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया है। प्रदेश में खाद्य सुरक्षा और बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए आजीविका एवं पोषण सुरक्षा की दिशा में में प्रयास किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मत्स्य विभाग, उ0प्र0 को भारत सरकार द्वारा देश का सर्वश्रेष्ठ अर्न्तस्थलीय मात्स्यिकी राज्य का पुरस्कार प्रदान किया गया। मछुआ समुदाय के कल्याण एवं मत्स्य विकास हेतु सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषादराज बोट सब्सिडी योजना, मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना, सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना तथा किसान क्रेडिट कार्ड जैसी कई योजनाएं चलायी जा रही हैं।
कार्यक्रम में वीरू साहनी, अध्यक्ष उ0प्र0 मत्स्य जीवी सहकारी संघ, सुनील कुमार वर्मा, विशेष सचिव मत्स्य, एन0एस0 रहमानी, निदेशक मत्स्य, पुनीत कुमार, उप निदेशक मत्स्य, मुख्यालय, डा0 हरेन्द्र प्रसाद, उप निदेशक मत्स्य, लखनऊ मण्डल, अन्जना वर्मा, उप निदेशक मत्स्य, (नियोजन), मोनिशा सिंह, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 मत्स्य जीवी सहकारी संघ, आर0पी0 सिंह, वित्त एवं लेखाधिकारी, उग्रसेन सिंह, उप निदेशक मत्स्य, सांख्यिकी, संतोष सिंह यादव, उप निदेशक मत्स्य, सहकारिता आदि उपस्थित रहे।

 

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