*सर्वजन हिताय साहित्यिक समिति के समारोह में जुटे अनेक वरिष्ठ साहित्यकार*
*साहित्य मानव चेतना को उन्नत करने का अनुपम उपकरण-डॉ. शितिकण्ठ*
*हिन्दी भाषा को जीवन्त बनाकर आधुनिक विषयों पर लेखन युगीन आवश्यकता-प्रो. दीक्षित*
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लखनऊ। साहित्यिक संस्था सर्वजन हिताय साहित्यिक समिति द्वारा आज प्रेस क्लब में वरिष्ठ लेखक राघवेन्द्र सेंगर ‘कमल‘ के कहानी-संग्रह ‘अंजुरी अनुभव की‘ तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संगीता सेंगर की कृति ‘पति के पत्र पत्नी के नाम‘ का लोकार्पण सम्पन्न हुआ।

समारोह के अध्यक्ष थे आचार्य सूर्यप्रसाद दीक्षित और मुख्य समागत थे वरिष्ठ साहित्यकार व समीक्षक डॉ.उमाशंकर शुक्ल ‘शितिकण्ठ‘। ‘चेतना स्रोत‘ के सम्पादक व समीक्षक डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा ‘मृदुुल‘ विशिष्ट समागत रहे।
मंचासीन अभ्यागतों द्वारा दीप-प्रज्ज्वलन एवं वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती शोभा दीक्षित ‘भावना‘ के वाणी स्तवन तथा संस्था के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार पाण्डेय के स्वागत-वक्तव्य के साथ समारोह प्रारम्भ हुआ। लोकार्पण के पश्चात लेखकद्वय ने अपनी रचनाधर्मिता पर अपने विचार रखे।
विशिष्ट समागत डॉ. ‘मृदुुल‘ने कहा कि जीवन के विविध प्रसंगों का अनुभवजन्य साधारणीकरण ही वास्तविक साहित्य है। मुख्य समागत डॉ. शितिकण्ठ जी ने कहा कि साहित्य मानव चेतना को उन्नत करने का सर्वाधिक उपयुक्त माध्यम है। अध्यक्षता कर रहे प्रो. दीक्षित जी ने कहा कि साहित्य को जीवित और जीवन्त रखने के लिए भाषा पर काम करने की आवश्यकता है।

समारोह में नगर के अनेक वरिष्ठ व युवा कवि-लेखकों के साथ राजेन्द्र शुक्ल ‘राज‘ (संयोजक), के के सिंह ( पूर्व महामंत्री एसबीआई), आर.के.नाग (नाट्य निर्देशक), प्रो. धर्मेंद्र सेंगर, रवीन्द्र, कौशलेंद्र, सिद्धार्थ, वास्को तिवारी (मीडिया सह-प्रभारी) आदि साहित्यप्रेमी उपस्थित थे। अंत में श्री अनन्त प्रकाश तिवारी (सचिव) ने सभी साहित्यसेवियों का आभार व्यक्त किया।
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