ऋण और अग्रिम -वैधानिक और अन्य प्रतिबंध पर कार्रवाई
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक आदेश जारी निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (बैंक) पर ₹1 करोड़ (केवल एक करोड़ रुपये) का मौद्रिक जुर्माना लगाया है।
यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, प्रावधानों के तहत प्रदत्त आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यें जानकारियां भारतीय रिर्जव बैंक के महाप्रबंधक योगेश दयाल ने जारी एक बयान में दिये
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन आईएसई 2021 के लिए वैधानिक निरीक्षण आर बी आई द्वारा 31 मार्च, 2021 को इसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आयोजित किया गया था।
आईएसई 2021 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट / निरीक्षण रिपोर्ट की जांच, और सभी संबंधित पत्राचार इस संबंध में, अन्य बातों के अलावा, बैंक द्वारा पूर्वाेक्त निर्देशों का अनुपालन न करने की बात सामने आई, इस हद तक कि उसने कुछ परियोजनाओं के लिए परिकल्पित बजटीय संसाधनों के बदले में एक निगम को सावधि ऋण स्वीकृत किया यह सुनिश्चित करने के लिए परियोजनाओं की व्यवहार्यता और बैंक योग्यता पर उचित परिश्रम किए बिना कि परियोजनाओं से राजस्व धाराएं ऋण सेवा दायित्वों की देखभाल के लिए पर्याप्त थीं और जिसका पुनर्भुगतान/सर्विसिंग बजटीय संसाधनों से की गई थी।
इसके अलावा, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उसे कारण बताने की सलाह दी गई थी कि उक्त निर्देश का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए, जैसा कि उसमें बताया गया है।
नोटिस पर बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उपरोक्त आरबीआई निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप प्रमाणित हुआ और बैंक पर मौद्रिक जुर्माना लगाना जरूरी हो गया।