भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 06 अगस्त, 2024 के एक आदेश द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में बड़े साझा जोखिमों के केंद्रीय भंडार का निर्माण’ और ‘अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)’ पर आरबीआई द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए ₹1,06,40,000 (एक करोड़, छह लाख और चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक जुर्माना लगाया। ये जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक पुनीत पंचोली ने जारी एक बयान में दी।
उन्होंने बताया कि आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई 2022) के लिए वैधानिक निरीक्षण किया गया था। आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के पर्यवेक्षी निष्कर्षों के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसे कारण बताने की सलाह दी गई थी कि उक्त निर्देशों का पालन करने में विफल रहने के लिए उस पर अधिकतम जुर्माना क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने अन्य बातों के साथ-साथ पाया कि बैंक के खिलाफ निम्नलिखित आरोप कायम थे, जिसके लिए मौद्रिक जुर्माना लगाना उचित था। बैंक (प) सीआरआईएलसी रिपोर्टिंग में डेटा की सटीकता और अखंडता सुनिश्चित करने और (पप) कुछ ग्राहकों का जोखिम वर्गीकरण करने में विफल रहा।
यह कार्रवाई वैधानिक और विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय लेना नहीं है। इसके अलावा, मौद्रिक जुर्माना लगाना आरबीआई द्वारा बैंक के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता है।
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